TRENDING TAGS :
ऐसे होती है मतगणना: काउंटिंग के दौरान मौजूद रहते हैं ये शख्स
क्या आपको पता है कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया क्या है? वहीं इस पूरी प्रक्रिया का गवाह कौन होता है? यानी वोट काउंटिंग के समय कौन कौन मौजूद रहता है?
दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की मंगलवार को वोटिंग होनी है। वोटिंग के बाद राजधानी को अपना नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। फिलहाल 8 फरवरी को हुए मतदान के बाद ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया है। कल ये ये मशीने बाहर निकाली जायेंगी। लेकिन क्या आपको पता है कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया क्या है? वहीं इस पूरी प्रक्रिया का गवाह कौन होता है? यानी वोट काउंटिंग के समय कौन कौन मौजूद रहता है?
कब और कहां होती है मतगणना:
दरअसल चुनाव आयोग के नियमानुसार निर्वाचन अधिकारी तय करता है कि वोटों की गिनती कब, कितने बजे और कहां की जाएँ। इसका निर्णय मतदान वाले दिन से कम से कम हफ्ताभर पहले तय कर सभी उम्मीदवारों और उनके एजेस्ट्स को लिखित रूप में दिया जाता है।
ये भी पढ़ें: बेहद बोल्ड है ये एक्ट्रेस: किम करदाशियां और पूनम पांडे भी हैं इनके आगे फेल
मतगणना के लिए अधिकतर किसी स्कूल, कम्युनिटी सेंटर या जिला कार्यालय का ऑफिस चुना जाता है। मतलब ऐसी जगह का चयन किया जाता है जहां टेबल कुर्सियों की व्यवस्था आसानी की करवाई जा सकती है। गिनती के लिए एक हॉल में अधिकतम 14 टेबल लगवाए जाते है।
कौन कौन मौजूद रहता है वोटिंग के दौरान:
वहीं वोट काउंटिंग के दौरान मौके पर निर्वाचन अधिकारी, समीक्षक, गिनती करने वाला स्टाफ तो मौजूद रहता ही है। साथ ही उम्मीदवार, उसके एजेंट और चुनाव आयोग द्वारा प्रमाणित सरकारी कर्मचारी ही उपस्थित रहते हैं। बता दें कि उम्मीदवारों के अलावा उनका एजेंट हॉल में इसलिए मौजूद होता है ताकि इस बात पर नजर रख सकें कि उनके उम्मीदवार के वोट गिनने में कोई कोताही तो नहीं बरती जा रही है। ये एजेंट निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठते हैं।
ये भी पढ़ें: SC का बड़ा फैसला: सरकार को लगा तगड़ा झटका, अब भुगतनी पड़ेगी ये सजा…
मतगणना से पहले ईवीएम की जाँच:
इसके अलावा वोट काउंटिंग से पहले स्टाफ और उम्मीदवार के एजेंट ईवीएम की जांच कर ये सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी EVM मशीन में कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। अगर किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप होता है तो तुरंत चुनाव आयोग को सूचित किया जाता है।
ये भी पढ़ें: गार्गी कॉलेज की छात्राओं का हल्लाबोल: धरने पर बैठी स्टूडेंट्स, संसद तक मुद्दा
कैसे होती है वोटों की गिनती:
नियमानुसार, जब भी पोस्टल बैलेट और EVM दोनों के जरिए वोटिंग होती है, तो हमेशा पोस्टल बैलेट पहले गिने जाते हैं। किसी भी कीमत पर पोस्टल बैलेट पहले ही राउंड में गिने जाते हैं। वहीं ईवीएम के वोटों की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के 30 मिनट बाद शुरू होती है। भले ही 30 मिनट में पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हुई हो, लेकिन इससे अधिक रुकने की अनुमति नहीं होती।
मतगणना के दौरान सिर्फ वहां मौजूद आधिकारिक व्यक्ति पूरे हॉल की वीडियो रिकॉर्डिंग करता है। उसके अलावा वहां कोई भी व्यक्ति ना तो फोटो खींच सकता है ना ही वीडियो बना सकता है।