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किसान कितने शक्तिशालीः चक्का जाम ने साबित कर दिया, आंदोलन देशव्यापी

जिस तरह से किसानों का आंदोलन फैल रहा है उसका असर उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पड़ना तय है। कांग्रेस और विपक्ष आंदोलन का समर्थन कर रहा है। इन हालात में भाजपा नेताओं के सामने संकट बढ़ता जा रहा है। वह गांव में घुसने से घबड़ाने लगे हैं।

Shreya
Published on: 6 Feb 2021 4:16 PM IST
किसान कितने शक्तिशालीः चक्का जाम ने साबित कर दिया, आंदोलन देशव्यापी
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किसान कितने शक्तिशालीः चक्का जाम ने साबित कर दिया, आंदोलन देशव्यापी

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली: चक्का जाम ने डाली किसान आंदोलन में जान। एकजुट हो गए पूरे देश के किसान। नहीं रहा सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसानों का आंदोलन। चक्का जाम का देशव्यापी समर्थन आंदोलनकारी किसानों की बहुत बड़ी सफलता कही जा सकती है। इस तीन घंटे के जाम का पूरे देश में असर रहा और अमन चैन भी दिखा। हिंसा न होने देने की किसानों की कटिबद्धता भी सामने आई और केंद्र सरकार के मंत्रियों के इस दावे की हवा भी निकल गई कि ये आंदोलन सिर्फ पंजाब के किसानों का है। जिन्हें बरगलाया और बहकाया जा रहा है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक व्यापक समर्थन

इसे आंदोलनकारी किसानों की ताकत ही कहा जाएगा कि उन्हें कश्मीर से कन्याकुमारी तक व्यापक समर्थन मिला। अपने इस गांधीवादी चक्का जाम के दौरान किसान न तो कहीं उत्तेजित हुए न ही कानून व्यवस्था को प्रभावित करने का काम किया। इसके अलावा एम्बुलेंस को न सिर्फ रास्ता बल्कि जाम से प्रभावित होने वाले आम लोगों से माफी भी मांगी।

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rakesh tikait (फोटो- सोशल मीडिया)

मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा

गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा भी कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा। किसानों के इस प्रदर्शन से उनपर हिंसा फैलाने का आरोप लगाने वाले भी बेनकाब हो गए। किसान नेताओं ने कहा है कि चाहे जितना समय लगे। मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

कांग्रेस और विपक्ष भी आंदोलन के समर्थन में

जिस तरह से किसानों का आंदोलन फैल रहा है उसका असर उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पड़ना तय है। कांग्रेस और विपक्ष आंदोलन का समर्थन कर रहा है। इन हालात में भाजपा नेताओं के सामने संकट बढ़ता जा रहा है। वह गांव में घुसने से घबड़ाने लगे हैं।

भाजपा के जमीन से जुड़े नेता ये मान रहे हैं कि किसानों की मांगे सही हैं। कुछ बीच के नेताओं ने किसानों के विरोध को शुरू में नजरअंदाज किया और सरकार को गलत फीडबैक दिया। जिसका खमियाजा अब भुगतना पड़ा रहा है।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खापों से जुड़े एक नेता ने कहा कि खापें किसानों की समस्याओं को लेकर एकजुट हो गई हैं। इसमें हर धर्म और जाति के लोग शामिल हैं। आगे चलकर किसानों का आंदोलन देश भर में और मजबूती से चलेगा।

चक्का जाम के समापन पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा भी है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा।

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