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Delhi Ordinance Bill: दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश को कैबिनेट से मिली मंजूरी, संसद के इसी सत्र में होगा पेश

Parliament Monsoon Session: दिल्ली में कार्यरत अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े केंद्र के अध्यादेश से संबंधित बिल को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। सरकार मानसून सत्र में इस बिल को पेश कर सकती है।

Aman Kumar Singh
Published on: 25 July 2023 4:01 PM GMT (Updated on: 25 July 2023 5:16 PM GMT)
Delhi Ordinance Bill: दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश को कैबिनेट से मिली मंजूरी, संसद के इसी सत्र में होगा पेश
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Parliament Monsoon Session: दिल्ली में कार्यरत अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े केंद्र के अध्यादेश से संबंधित बिल (Delhi Ordinance Bill) को मंगलवार (25 जुलाई) को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। नरेंद्र मोदी सरकार मौजूदा मानसून सत्र में इस बिल को पेश कर सकती है। ज्ञात हो, केंद्र सरकार ने बीते 19 मई को ये अध्यादेश (Delhi Ordinance 2023) जारी किया था।

केंद्र की तरफ से जारी किए गए अध्यादेश में दानिक्स कैडर (Danics Cadre) के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही (Disciplinary Proceedings) और तबादलों के लिए 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण' स्थापित करने का प्रावधान है। केंद्र सरकार की ओर से एक अध्यादेश तब लाया जाता है, जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है। लेकिन, इसे महीने के भीतर संसद की ओर से पारित किया जाना चाहिए।

केजरीवाल सरकार अध्यादेश के खिलाफ

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार इस अध्यादेश का शुरुआत से ही विरोध कर रही है। AAP ने इस अध्यादेश को 'असंवैधानिक' (Unconstitutional) करार दिया है। केजरीवाल सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर गयी। शीर्ष अदालत ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ (SC Constitution Bench) को सौंपा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए तमाम विपक्षी नेताओं से भेंट-मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी भी उनके साथ खड़ी है।
केजरीवाल ने विपक्षी दलों से मांगा समर्थन
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों की पटना में हुई महाबैठक में ये मुद्दा उठाया था। उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों से मदद की अपील की थी। लेकिन तब उनकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ पाई थी। लेकिन, बेंगलुरु बैठक उनका प्रयास सफल रहा। बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, NCP प्रमुख शरद पवार, DMK चीफ एमके स्टालिन सहित कई अन्य नेताओं से इस मुद्दे पर केजरीवाल ने समर्थन मांगा है। केजरीवाल राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों से समर्थन मांग रहे हैं।
कांग्रेस सहित इन दलों ने किया समर्थन का दावा

काफी प्यार से तो कभी तल्ख़ तेवर दिखाते हुए आख़िरकार केजरीवाल कांग्रेस को अपने पाले में लाने में सफल रहे। इसी तरह तृणमूल कांग्रेस, डीएमके सहित अन्य पार्टियों ने उन्हें समर्थन की बात कही है। गौरतलब है कि, इस वक़्त संसद का मानसून सत्र चल रहा है। सरकार इस दौरान किसी भी दिन इस बिल को पेश कर सकती है। बता दें, सत्र शुरू होने से पहले ही इस अध्यादेश का बिल पेश करने को लेकर लिस्टेड भी किया गया था।

Aman Kumar Singh

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