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आखिर दिल्ली पुलिस के जवानों को क्यों याद आईं किरण बेदी
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और दिल्ली पुलिस के जवानों के बीच खूनी संघर्ष का मामला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। पुलिस जवानों की मांग है कि वकीलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और दिल्ली पुलिस के जवानों के बीच खूनी संघर्ष का मामला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। पुलिस जवानों की मांग है कि वकीलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना है कि वह डरे हुए हैं कि शहर में कहीं पर भी उनपर हमला हो सकता है।
दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट मिल गई है। दिल्ली पुलिस ने इस रिपोर्ट को सौंपा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर की सुस्ती की वजह से वकीलों के हाथों पिटने वाले पुलिस कर्मियों और उनके साथियों में काफी गुस्सा है।
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इस बीच खुद पुलिसकर्मियों ने किरण बेदी के समर्थन में नारे लगाए। बता दें कि पुलिस और वकीलों के बीच 1988 विवाद हुआ था तब बेदी ने वकीलों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की थी।
बेदी ने दिया था लाठी चार्ज का आदेश
साल 1988 में जनवरी के महीने में एक कॉलेज में एक चोरी के सिलसिले में एक वकील को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उस समय के कानून के हिसाब से उस वकील को हथकड़ी लगा कर पेश किया।
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तीस हजारी अदालत परिसर में साथी वकील को उस हालत में देख वकीलों ने बड़े स्तर विरोध प्रदर्शन किया। तब डीसीपी नॉर्थ का ऑफिस तीस हजारी परिसर में ही था। प्रदर्शन बढ़ता देख तत्कालीन नॉर्थ डीसीपी किरण बेदी ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। इसमें करीब 20 वकील घायल हो गए।
मामला वकील बनाम पुलिस बन गया और लंबे समय तक हड़ताल आदि चलते रहे। आखिरकार बेदी को पद से हटा दिया गया। उसके बाद भी उनके पूरे कार्यकाल के दौरान वकील उनका विरोध किसी न किसी रूप में करते रहे। बता दें किरण बेदी इस समय पुडुचेरी की उप राज्यपाल हैं।
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इस मामले में दिल्ली पुलिस के अधिकांश कर्मचारी इस बात से बेहद नाराज थे कि उनका मुखिया यानि पुलिस कमिश्नर अगर मजबूत फैसला लेने वाला होता, तो उन्हें ऐसे हालात का सामना नहीं करना पड़ता। पुलिस वालों को दिल्ली के कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने मिलने के लिए बुलाया। लेकिन पुलिस वालों ने अब कमिश्नर अमूल्य पटनायक के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इसके साथ ही पुलिस हेड क्वार्टर के बाहर 'हमरा सीपी (पुलिस कमिश्नर) कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो" के नारे लगाए।