×

भुखमरी के सवाल पर संसद में मंत्री का बयान, कुत्ते के बच्चों को भी भूखा नहीं सोने देते

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस देश में कुत्ते के बच्चे तक को लोग भूखा नहीं सोने देते, ऐसे समाज में इंसानों के बच्चों के भूखे रहने का आकलन कोई विदेशी एनजीओ करे तो ज़्यादा संवेदनशील नहीं होना चाहिए।

Newstrack
Published on: 19 March 2021 2:12 PM GMT
भुखमरी के सवाल पर संसद में मंत्री का बयान, कुत्ते के बच्चों को भी भूखा नहीं सोने देते
X
आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस रिपोर्ट को लेकर राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा। संजय सिंह के सवाल का जवाब कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने दिया।

नई दिल्ली: देश में भुखमरी की स्थिति पर शुक्रवार को राज्यसभा में आप के सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाया। हाल ही में ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में अलग-अलग देशों में भुखमरी की हालत की एक रैंकिंग है। इस रिपोर्ट को एक विदेशी एनजीओ ने तैयार किया था। रैंकिंग में शामिल 107 देशों में भारत का सथान 94 नंबर पर रहा।

आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस रिपोर्ट को लेकर राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा। संजय सिंह के सवाल का जवाब कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने दिया। इसके साथ ही उन्होंने रैंकिंग के मेथड, तरीकों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह रैंकिंग तय करते वक्त स्वस्थ्य बच्चों को भी कुपोषित में शामिल कर लिया गया है।

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस देश में कुत्ते के बच्चे तक को लोग भूखा नहीं सोने देते, ऐसे समाज में इंसानों के बच्चों के भूखे रहने का आकलन कोई विदेशी एनजीओ करे तो ज़्यादा संवेदनशील नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही रुपाला ने कहा कि भारत की रैंकिंग 2019 में 102 नंबर की थी, जो अब सुधरकर 94 पर आ गई है।

ये भी पढ़ें...कोरोना का तांडव: महाराष्ट्र में फिर लगेगा लॉकडाउन? CM उद्धव ने किया इशारा

[video width="1280" height="720" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/03/WhatsApp-Video-2021-03-19-at-19.28.37.mp4"][/video]

इसके बाद आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान 2014 में 55 नंबर पर था। 2015 में 80 नंबर पर पहुंच गया और 2016 में 97 नंबर पर। 2017 में 100वें नंबर पर आ गया, 2018 में 103 नंबर पर आया। 2019 में 102 नंबर पर आ पहुंचा। 2020 में 94 नंबर पर आ गया। मंत्री जी ने उत्तर ये दिया है कि स्थिति में सुधार हुआ है। 2019 में तो हम 102 नंबर पर थे और अब 94 पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि भारत दुनिया के 10 सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक है। समस्या उत्पादन नहीं, वितरण है। इसका समाधान कब किया जाएगा।

ये भी पढ़ें...वादों की गठरी के अलावा भी क्या द्रमुक का पलड़ा भारी है इस बार

इसके बाद रूपला बोलने के लिए खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे विभाग से जो ब्रीफिंग हुई है, उससे अलग हटकर बात कहना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि सर, ये भुखमरी और बच्चों की भुखमरी की बात भारत को लेकर हो रही है। दुनिया का कोई भी एनजीओ आकर हमारा आकलन करके चला जाता है। सरकार ने उनसे पूछा है कि आपने किस डेटा पर यह सब दिखाया है। जवाब अभी आया नहीं है।

ये भी पढ़ें...मूसलाधार बारिश का अलर्ट: इन राज्यों में 4 दिन जमकर बरसेंगे बादल, IMD की चेतावनी

इसके बाद उन्होंने कहा कि गलियों में जो आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं, जब उनकी कुत्ती बच्चा देती है तो हमारी माताएं उनको खाना देती हैं। मैं खुद गया हूं। ये प्रथा है हमारे गांव में। ऐसे-ऐसे बच्चों की समस्या का समाधान जिस समाज में हो, वहां बच्चे भूखे रहने का आकलन और कोई करके दे तो उसके प्रति बहुत संवेदनशीलता से हमें देखना नहीं चाहिए।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story