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पतंजलि अपना रहा डबल स्टैंडर्ड, पढ़ें ये ख़ास रिपोर्ट

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में खिला - ‘ मैंने देखा कि बेल शरबत और गुलाब शरबत देशी (भारतीय) व अंतरराष्ट्रीय (अमेरिकी) बाजार में पतंजलि ब्रांड के तहत बेचे जाते हैं लेकिन भारतीय बाजार में बेचे जाने वाले इन आइटम के लेबल पर अतिरिक्त औषधीय व पोषण दावों का जिक्र किया गया है।’

Manali Rastogi
Published on: 22 July 2019 7:06 AM GMT
पतंजलि अपना रहा डबल स्टैंडर्ड, पढ़ें ये ख़ास रिपोर्ट
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पतंजलि अपना रहा डबल स्टैंडर्ड, पढ़ें ये ख़ास रिपोर्ट

नई दिल्ली: योग गुरु रामदेव की ‘पतंजलि’ कंपनी के प्रोडक्ट्स दो तरह के होते हैं। देशी बाजार के लिïए अलग और विदेशी बाजार के लिए अलग। कम से कम यूएसएफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एजेंसी) की एक जांच रिपोर्ट में तो यही पता चला है।

अमेरिकी एजेंसी के अनुसार भारत के भीतर बेची जाने वाली पतंजलि की दो शरबत की बोतलों के लेबल में इनके औषधीय व पोषण गुणों का ज्यादा बखान किया गया था जबकि अमेरिकी बाजार में जाने वाली शरबतों के लेबल में ऐसा दावा नहीं किया गया था।

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यूएसएफडीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देशी बाजार के प्रोडक्ट्स और निर्यात वाले आइटमों के लिए पतंजलि के अलग-अलग प्रोडक्शन व पैकेजिंग एरिया हैं। यानी कंपनी एक ही आइटम को दो तरह से बनाती और पैक करती है।

चूंकि अमेरिकी सुरक्षा कानून बेहद सख्त हैं सो कंपनी अगर अमेरिका में मिसब्रांडेड (गलत जानकारी वाला) प्रोडक्ट बेचती पाई गई तो यूएसएफडीए उस प्रोडक्ट के आयात को पूरी तरह बंद करने की चेतावनी का नोटिस दे सकता है, उस प्रोडक्ट का पूरा बैच जब्त कर सकता है, कंपनी के खिलाफ संघीय अदालत से आदेश ले सकता है या फिर आपराधिक मुकदमा चला सकता है जिसके तहत 5 लाख डालर तक का जुर्माना और कंपनी के अधिकारियों को तीन साल की जेल हो सकती है।

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दरअसल, यूएसएफडीए की जांचकर्ता मौरीन ए. वेंजेल ने पिछले साल ७ और ८ मई को पतंजलि आयुर्वेद के हरिद्वार स्थित संयंत्र की यूनिट ३ का निरीक्षण किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में खिला - ‘ मैंने देखा कि बेल शरबत और गुलाब शरबत देशी (भारतीय) व अंतरराष्ट्रीय (अमेरिकी) बाजार में पतंजलि ब्रांड के तहत बेचे जाते हैं लेकिन भारतीय बाजार में बेचे जाने वाले इन आइटम के लेबल पर अतिरिक्त औषधीय व पोषण दावों का जिक्र किया गया है।’ ये रिपोर्ट पतंजलि को भी दी गई है। पीटीआई ने पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता से इस बारे में सवाल पूछे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

पतंजलि के हरिद्वार प्लांट में शहद प्रोसेसिंग एरिया के निरीक्षण के दौरान वेंजेल ने देखा कि प्रोडक्शन मशीनों के ऊपर कबूतर उड़ रहे थे। इस पर कंपनी के डीजीएम, एक्सपोर्ट नितिन जैन ने कहा कि कबूतर हटा दिए जाएंगे। ८ मई २०१८ को जब शहद का प्रोडक्शन दोबारा शुरू हुआ तो बिल्डिंग में कबूतर नहीं थे।

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नितिन जैन कंपनी के अमेरिका निर्यात के लिए जिम्मेदार हैं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वेंजेल के लिए दुभाषिए की भूमिका निभाई। वेंजेल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जिस बिल्डिंग में पाचक आइम बन रहे थे वहां पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि देशी व निर्यात वाले प्रोडक्ट्स के लिए अलग अलग प्रोडक्शन और पैकेजिंग एरिया हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि निरीक्षण के दौरान कंपनी के लैब कर्मचारी व बैच रिकार्ड काम करते नहीं दिखे।

इससे यह नहीं कहा जा सकता कि उत्पादन के कार्य में लिखित ऑपरेटिंग प्रक्रिया का पालन होता भी है कि नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान अमेरिका निर्यात होने वाले किसी आइटम का निर्माण नहीं हो रहा था।

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भारत में फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड (एफएसएस) एक्ट २००६ के तहत अगर कोई कंपनी मिसब्रांडिंग या भ्रामक दावों के साथ खाद्य पदार्थ बेचते पाई जाती है तो ३ लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। एक्ट में ये भी कहा गया है कि एक न्यायिक अधिकारी कंपनी के जवाबदेह अधिकारी को सुधारात्मक कार्रवाई करने को कह सकता है। अगर सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है तो उन खाद्य पदार्थों को कानून के तहत नष्टï किया जाना चाहिए।

Manali Rastogi

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