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खाक होंगे चीन-पाकिस्तान: भारत का लेजर हथियार करेगा चकना-चूर, कांपेंगें दुश्मन

आधुनिकता के चलते युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं। नए-नए हथियारों को युद्ध के लिए तैयार किया जा चुका है। अब पारंपरिक हथियारों की जगह दूर से ही निशाना लगाने वाले हथियार बन रहे हैं।

Newstrack
Published on: 14 Sept 2020 3:24 PM IST
खाक होंगे चीन-पाकिस्तान: भारत का लेजर हथियार करेगा चकना-चूर, कांपेंगें दुश्मन
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आधुनिकता के चलते नए-नए हथियारों को युद्ध के लिए तैयार किया जा चुका है। अब पारंपरिक हथियारों की जगह दूर से ही निशाना लगाने वाले हथियार बन रहे हैं।

नई दिल्ली: आधुनिकता के चलते युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं। नए-नए हथियारों को युद्ध के लिए तैयार किया जा चुका है। अब पारंपरिक हथियारों की जगह दूर से ही निशाना लगाने वाले हथियार बन रहे हैं। ऐसे में भविष्य में जो भी युद्ध होंगे, उनमें अत्याधुनिक ताकत भरपूर क्षमता वाले हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा। हॉलीवुड फिल्मों में दिखाए जाने वाले जादुई हथियारों की ही तरह भारत भी वैसे ही हथियार बनाने जा रहा है। देश के इस हथियारों के हमले से पड़ोसी दुश्मन देश कांप उठेंगे। युद्ध से पहले ही दुश्मन देशों के पसीने छूटने लगेंगे। चलिए आपको बताते हैं इन भारतीय हथियारों के बारे में अहम बातें।

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डायरेक्ट एनर्जी वेपन

भारत के लिए अत्य़ाधुनिक हथियार बनाने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) लेजर से हमला करने वाले हथियार बना रहा है। इन लेजर हथियारों को डायरेक्ट एनर्जी वेपन कहते हैं।

इसके साथ ही डीआरडीओ ऐसे हथियार भी बनाने जा रहा है जो माइक्रोवेव किरणें छोड़कर दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो सिस्टम, संचार सिस्टम आदि को नष्ट कर देंगे। संचार की कमी और कमांड न दे पाने की स्थिति में दुश्मन बहुत कमजोर हो जाता है। जिसके चलते उसपर हमला करना पहले की अपेक्षा काफी आसान हो जाता है।

direct energy weapons फोटो-सोशल मीडिया

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एक राष्ट्रीय स्तर का प्रोग्राम

लेजर हथियार डायरेक्ट एनर्जी वेपन में हाई एनर्जी लेजर और हाई पावर माइक्रोवेव्स शामिल हैं। इन हथियारों को बनाने के लिए भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय स्तर का प्रोग्राम बनाया है। इसमें अलग-अलग तरह के डायरेक्ट एनर्जी वेपन हथियार होंगे।

इन हथियारों की क्षमता 100 किलोवॉट पावर की होगी। ये हथियार देश पर दुश्मन की तरफ से आने वाली किसी भी छोटी मिसाइल या फाइटर जेट या ड्रोन को आसमान में नष्ट कर देंगे।

ऐसे में इस प्रोजेक्ट को 'काली' बीम नाम दिया गया है। ये लेजर बीम हमले में न तो आवाज होती है न ही किसी तरह धूम-धड़ाका होता है। ये चुपचाप अपने दुश्मन को लक्ष्य बनाते हुए भेद देती है या फिर उसे जलाकर राख कर देती है।

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10 साल की योजना तैयार

इसके लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अगले 10 साल की योजना तैयार की है। इसमें पहले फेज में ऐसे हथियारों की रेंज को 6-8 किलोमीटर, फिर दूसरे फेज में 20 किलोमीटर तक बढ़ाने की तैयारी है।

लेजर हथियारों की खासियत ये है कि इनसे दुश्मन का बचना बेहद मुश्किल है। ये एकदम सटीक निशाना लगाते हैं। अन्य हथियारों की तुलना में इनकी ऑपरेशनल कॉस्ट कम होती है। एक साथ हमला करने वाले कई टारगेट्स को अकेले एक लेजर हथियार संभाल सकता है। सबसे अहम बात तो ये है कि अगर बिजली की सप्लाई सही से मिल रही है तो इसे कई बार उपयोग किया जा सकता है।

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