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चीन पर सख्त हुआ भारत: सीमा से पीछे हटने पर ड्रैगन की नई चाल, घिरा पैनी नजरों से
पूर्वी लद्दाख सीमा को लेकर चीन का दावा है कि पू्र्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर भारत और चीन के फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात सैनिकों ने बुधवार को सीमा से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली: लद्दाख सीमा को लेकर चीनी रक्षा मंत्रालय की तरफ दावा किया गया है। चीन का दावा है कि पू्र्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर भारत और चीन के फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात सैनिकों ने बुधवार को सीमा से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। लेकिन अभी तक इस बारे में भारत की तरफ कोई टिप्पणी नहीं की गई है। सीमा से पीछे हटने को लेकर चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
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व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू
चीनी रक्षा प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने इस बारे में कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी रजामंदी के अनुसार ही दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में बीते साल मई से सैन्य गतिरोध के चलते तनातनी बनी हुई थी। ऐसे में 24 जनवरी को दो सेनाओं के सैन्य कमांडरों द्वारा जल्द से जल्द सेनाओं को पीछे करने पर जोर देने के लिए सहमत होने के बाद लद्दाख की पैंगोग झील के दक्षिणी तट पर टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की वापसी ने 10 महीने के सैन्य गतिरोध के हल की उम्मीद जगाई है।
फोटो-सोशल मीडिया
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चीन का ये पहला कदम
बता दें, बीते कई महीनों में तनाव के बाद चीन का ये पहला कदम है। बीते साल जुलाई 2020 की शुरुआत में गलवान घाटी में सीमा विवाद शुरू हुआ लेकिन यह अन्य क्षेत्रों में नहीं हो पाया। ऐसे में सीमा रेखा की निगरानी करने वाले अधिकारियों और विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रक्रिया के साथ ही भारत क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखेगा।
ऐसे में पूर्व उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त) ने कहा ' डिसएंगेजमेंट सकारात्मक कदम है। मुझे लगता है कि हमें इस प्रक्रिया की और जानकारी का इंतजार करना होगा। साथ ही उम्मीद है कि यह लद्दाख में सभी क्षेत्रों को कवर करने वाले व्यापक समझौते का एक हिस्सा है।'
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