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Chhattisgarh: गिरफ्तार ASI चंद्रभूषण वर्मा को लेकर ईडी का बड़ा खुलासा, नेताओं और बड़े पुलिस अफसरों तक पहुंचाता था रिश्वत
Chhattisgarh News: विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े छत्तीसगढ़ में इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय की अति सक्रियता से सत्तारूढ़ रूढ़ खेमे में खलबली मची हुई है। ईडी की टीम पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, निशाने पर सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी हैं। इस बीच संघीय जांच एजेंसी ने सट्टा ऐप से जुड़े मामले में चौंका देने वाला खुलासा किया है।
Chhattisgarh News: विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े छत्तीसगढ़ में इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय की अति सक्रियता से सत्तारूढ़ रूढ़ खेमे में खलबली मची हुई है। ईडी की टीम पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, निशाने पर सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी हैं। इस बीच संघीय जांच एजेंसी ने सट्टा ऐप से जुड़े मामले में चौंका देने वाला खुलासा किया है।
ये खुलासा बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में गिरफ्तार छत्तीसगढ़ पुलिस के ASI चंद्रभूषण वर्मा को लेकर है। बकौल ईडी वर्मा लाइजनर का काम कर रहा था। अवैध सट्टा कारोबार को चलाने के लिए मिलने वाली रकम को वह रिश्वत के तौर पर नेताओं और बड़े पुलिस अफसरों तक पहुंचाता था। यह रकम 65 करोड़ के करीब है।
कल यानी बुधवार 23 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय ने एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी को गिरफ्तार किया था। बुधवार को ही इन्हें अदालत में पेश कर ईडी रिमांड पर ले चुकी है। रायपुर कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। ईडी ने इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।
सीएम बघेल के कार्यालय तक पहुंची आंच
छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा की गिरफ्तारी के बाद अटकलें हैं कि कुछ और बड़ी मछलियों की इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है। जिससे प्रदेश में चुनाव से पहले बड़ा सियासी तूफान आ सकता है। ईडी ने बताया कि चंद्रभूषण वर्मा छत्तीसगढ़ में मुख्य लाइजनर का काम कर रहा था। वह दुबई के प्रमोटरों से हर महीने हवाला के जरिए मोटी रकम लेता और इसे सीनियर पुलिस अधिकारियों के बीच बांट दिया करता था। जांच एजेंसी का कहना है कि रकम का कुछ हिस्सा मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों के पास भी पहुंचता था।
ईडी की गाड़ी पर कांग्रेसियों ने कर दिया था हमला
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विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता से सियासी तापमान चढ़ गया है। बुधवार को जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहाकार विनोद वर्मा, दोनों ओएसडी आशीष वर्मा, मनीष बंछोर और कारोबारी विजय भाटिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के आवास पर ईडी के पहंचने की जानकारी मिलते ही कांग्रेसी यहां जमा होने लगे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आशीष वर्मा के घर के बाहर जमा हुए कांग्रेस समर्थक हिंसक हो गए। उन्होंने जांच एजेंसी की टीम जिस गाड़ी से आई थी, उस पर लाठी से वार किया और पत्थर भी फेंके। इसी प्रकार ओएसडी मनीष बंछोर के घर के बाहर भी तनावपूर्ण माहौल था। ईडी के साथ आई सीआरपीएफ के साथ कांग्रेसियों की झड़प हो गई। बाद में स्थानीय पुलिस को दखल देकर मामला शांत कराना पड़ा।
दरअसल, कल यानी बुधवार 23 अगस्त को सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्मदिन था। उन्होंने सुबह-सुबह ईडी की कार्रवाई पर पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना भी साझा था। बघेल ने कहा था, प्रधानमंत्री जी एवं अमित शाह जी ने मेरे जन्मदिन के दिन आज आपने मेरे राजनीतिक सलाहकार एवं मेरे OSD सहित करीबियों के यहाँ ED भेजकर जो अमूल्य तोहफा दिया है, इसके लिए बहुत आभार।