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किसान आंदोलन: एक्सप्रेस-वे पर लगा लंबा जाम, सभी बॉर्डर्स पर बढ़ाई जा रही सुरक्षा
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के बारे में दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, 'किसानों की संख्या बढ़ रही है और उसी जवानों की बढ़ाई जा रही है। सिर्फ 3 बॉर्डर नहीं तमाम बॉर्डर हैं सभी पर विजलेंस रखा जा रहा है।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 27 दिन हो गए हैं। हालंकि, किसानों का बढ़ता आक्रोश सरकार के लिए सिर दर्द बन गया है। एक तरफ किसानों का क्रमिक आंदोलन जारी है तो दूसरी तरफ आंदोलनरत किसान आत्महत्या कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। दिल्ली जाने वाले कई रास्ते बंद है और लोगों को अलग परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सभी बॉर्डर्स पर बढ़ाई जा रही सुरक्षाः कमिश्नर
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के बारे में दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, 'किसानों की संख्या बढ़ रही है और उसी जवानों की बढ़ाई जा रही है। सिर्फ 3 बॉर्डर नहीं तमाम बॉर्डर हैं सभी पर विजलेंस रखा जा रहा है। हमारे लिए पूरी दिल्ली अवेलेबल है और गृह मंत्रालय ने हमें अलग से फोर्स दी है। इन सबकी डिप्लॉयमेंट की गई है। मैं पुलिस अरेंजमेंट से संतुष्ट हूं।'
कृषि कानूनों के समर्थन में नोएडा के किसान
उत्तर प्रदेश व दिल्ली तथा आसपास के किसानों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। भारत सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि सुधार कानूनों का समर्थन किया और अपने कुछ सुझाव दिए। प्रतिनिधिमंडलों के साथ कृषि मंत्री की बैठक हुई, जिसमें उन्होंने ज्ञापन भी सौंपा।
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हरियाणा में 3 दिन टोल प्लाजा मुक्त बनाएंगे
सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक के बाद पंजाब से आए किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्र द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर क्या फैसला लिया जाएगा। साथ ही किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि किसान तीनों कृषि कानून का विरोध करने के लिए बॉर्डर पर बैठे हैं।
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हरियाणा में किसानों को 26, 27 और 28 दिसंबर को टोल प्लाजा मुक्त बनाना है। इसी तरह 25 और 26 दिसंबर को पंजाबी समुदाय भारतीय दूतावासों में प्रदर्शन करेंगे। कल लॉस एजिंलिस में इसी तरह का प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों और इस देश के अन्नदाताओं के खिलाफ हैं। सरकार इस कानूनों पर फिर से चर्चा करने के लिए शीतकालीन सत्र बुलाने को तैयार नहीं है।
नोएडा एक्सप्रेस-वे पर लंबा जाम
कृषि कानूनों के समर्थन में गौतम बुद्ध नगर के हजारों की तादाद में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर निकले हैं जिसकी वजह से करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। नोएडा एक्सप्रेस-वे पर लंबा जाम लगा हुआ है। नोएडा पुलिस ने किसानों को रोका। बड़ी संख्या में किसान रैली में शामिल हुए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को समर्थन देने के लिए गौतम बुद्ध नगर से बड़ी संख्या में किसान विशाल किसान यात्रा निकाल रहे हैं। इस बीच नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसानों में झड़प ना हो इसलिए 4 थानों के पुलिस नोएडा दिल्ली चिल्ला बॉर्डर पर लगाई गई है।
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चिल्ला बॉर्डर बंदः ट्रैफिक पुलिस
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली की ओर जाने चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है।
सीएम खट्टर को दिखाए गए काले झंडे
हरियाणा के अंबाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है। करनाल से अंबाला वाया रोड पहुंचे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया और उनके काफिले को रोकने की कोशिश की। हरियाणा पुलिस को इन लोगों को खदेड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
किसानों के समर्थन में मुंबई, कई संगठनों का प्रदर्शन में साथ
पंजाब और हरियाणा के किसानों के समर्थन में मुंबई में कई संगठनों और किसानों ने आज विरोध प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने बांद्रा कलेक्टर कार्यालय से लेकर रिलायंस कॉर्पोरेट कार्यालय तक मार्च निकाला। फिलहाल, सभी संगठन के लोग डॉ. बाबासाहब आंबेडकर उद्यान में इकट्ठा हो रहे हैं। उद्यान के चारों ओर बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है। साथ ही सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
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किसानों के समर्थन में महिला वकील फोरम
किसानों के चल रहे सत्याग्रह को समर्थन देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट की महिला वकील फोरम ने उपवास रखने का फैसला किया है। महिला वकीलों का कहना है कि जिस तरह से कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उसमें वह भी अपना समर्थन किसानों को देने के लिए एक दिन का उपवास रखेंगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने भी किसानों के प्रदर्शन को अपना सहयोग देते हुए उन्हें कानूनी सहायता देने का प्रस्ताव रखा था। सिख दंगा 1984 के केस लड़ने वाले वकील एचएस फुल्का ने भी कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को अपना पूरा सहयोग देने की बात की थी।
सरकार से नहीं मिला बैठक का निमंत्रण: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार सभी 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा। सरकार हमारे पास आएगी।
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बुजुर्ग किसान ने की आत्महत्या की कोशिश
सिंघु बॉर्डर पर एक बुजुर्ग किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। किसान का नाम निरंजन सिंह और वह पंजाब के तरनतारन के रहने वाले हैं। सोमवार दोपहर 12:45 बजे के करीब निरंजन सिंह ने जहर खाया। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है, जहां वह खतरे से बाहर हैं। निरंजन सिंह ने जहर खाने से पहले एक नोट भी लिखा है।
सिंघु बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या की कोशिश
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक बुजुर्ग किसान ने मंगलवार को आत्महत्या का प्रयास किया। निरंजन सिंह नाम के किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। वह पंजाब के तरनतारन के रहने वाले हैं। उन्हें आनन-फानन में रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है, जहां वह खतरे से बाहर हैं। निरंजन सिंह ने जहर खाने से पहले एक नोट भी लिखा है।
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इसके पहले किसान संत बाबा ने भी बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थीं, वहीं कल एक किसान आंदोलन से घर वापस लौटा और उसने भी आत्महत्या की थी।
किसानों ने लगाया एनएच-9 में जाम
वहीं दिल्ली बॉर्डर पर आज फिर एनएच 9 को किसानों ने पूरी तरह से जाम कर दिया है। दिल्ली से गाजियाबाद आने वाली लेन पर भी किसान बैठे हैं।
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एनएच 9 को कल दोपहर से पूरी तरह जाम कर दिया गया था। किसानों का आरोप है कि कुठार, पूरणपुर आदि में यूपी गेट आ रहे किसानों की ट्रालियां रोकी गई हैं, जिसके बाद आज सुबह किसानों ने एनएच-9 को पूरी तरह से बंद कर दिया है। बता दें कि एनएच-9 दिल्ली को मेरठ से जोड़ती है। इसके गाजीपुर बॉर्डर पर किसान बीते कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
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