किसान आंदोलन: किसान संगठन बात-चीत को तैयार, 29 दिसंबर को बैठक के लिए राजी

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।

Shivani
Published on: 26 Dec 2020 5:20 AM GMT
किसान आंदोलन: किसान संगठन बात-चीत को तैयार, 29 दिसंबर को बैठक के लिए राजी
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किसान आंदोलन: किसान संगठन बात-चीत को तैयार, 29 दिसंबर को बैठक के लिए राजी

नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से किसानों का दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन जारी है। जैसे-जैसे मौसम सर्द हो रहा है, किसानों का विरोध गर्माता जा रहा है। आज किसान आंदोलन के 31वे दिन किसान संगठनों के बीच बड़ी बैठक होने वाली है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।

किसान मोर्चा ने कहा- 29 दिसंबर को सरकार बुलाए बैठक

साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।

हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी। आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है।

अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें।

kisan morcha 29 december-3

CP लेंगे सुरक्षा व्यवस्था का जायजा

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव शाम 5 बजे सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। साथ दोनों ही बॉर्डर पर आंदोलन के हालात का जायजा लेंगे और बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों से बातचीत कर सारे इनपुट्स लेंगे।

साढ़े 5 बजे किसान नेताओं की PC

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आज शाम साढ़े 5 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। किसान संगठन फिलहाल बैठक कर रहे हैं।

किसानों के साथ कोटपुतली पहुंचे हनुमान बेनीवाल

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नागौर सांसद और जाट नेता हनुमान बेनीवाल सैकड़ों की संख्या में किसानों के साथ कोटपुतली पहुंचे हैं। उन्होंने दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था।

बेनीवाल जयपुर, जोधपुर, कोटपुतली, अलवर, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर समेत राजस्थान के कई जिलों से सैकड़ों की संख्या में किसानों के साथ इकट्ठे हुए किसानों के साथ शाहजहांपुर की तरफ बढ़ रहे हैं।

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर में मीटिंग के बाद एनडीए में रहने या छोड़ने पर लिया जाएगा फैसला। नरेंद्र मोदी सरकार के पास 303 सांसद हैं जिस वजह से वह कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। 1,200 किलोमीटर दूर राजस्थान के किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं।

किसान संगठनों की बैठक शुरू

पीएम की किसान पंचायत के बाद आज किसान संगठन बैठक कर रहे हैं। ये बैठक सिंघु बॉर्डर हो रही है जिसमें किसानों के 40 संगठन शामिल हैं।। शुक्रवार को सरकार की तरफ से प्रस्ताव गया था जिसके बाद ये बैठक बुलाई गई थी। बैठक शुरू हो गई है।

राजस्थान के मंत्री बोले- किसी भी सूरत में लागू नहीं होगा कृषि कानून

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा ने कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ा एलान करते हुए कहा कि राज्य में किसी भी हालत में कृषि कानूनों को लागू होने दिया जाएगा। उन्होंने लालसोट में कृषि उपज मंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया कि चाहे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली जाए, चाहे राजस्थान की सरकार को भंग कर दिया जाए लेकिन वे इन तीनों काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे।

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किसान संगठनों की बड़ी बैठक आज:

संयुक्त किसान मोर्चा शनिवार को बड़ी बैठक करने वाला है। दोपहर दो बजे होने वाली इस बैठक में सरकार और किसानों के बीच ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा। बता दें कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों से सरकार ने बातचीत के लिए एक पेशकश की है।

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राहुल गाँधी बोले-सरकार को किसानों की सुननी होगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्विट किया। किसानों का एक वीडियो शेयर करते हुए राहुल ने कैप्शन में लिखा है- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.



किसान मांग नहीं हटेंगे

एक किसान नेता ने कहा कि ‘एमएसपी को इन तीन कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग से अलग नहीं किया जा सकता है। इन कानूनों में, निजी मंडियों का जिक्र किया गया है। यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसल तय एमएसपी पर बेची जाए अगर यह नहीं है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने विरोध कर रहे किसान यूनियनों को एक पत्र लिखा और उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

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