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किसान आंदोलन: कृषि कानूनों पर बीजेपी की बैठक खत्म, लिया गया ये फैसला
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी की बैठक खत्म हो गई है। बीजेपी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी महासचिवों के साथ गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के महाआंदोलन के 22 दिन हो गए हैं। एक ओर किसानों की मांग न पूरी होने से उनमे आक्रोश बढ़ता जा रहा है तो वहीं किसान और सरकार के बीच की तकरार अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुकी है। किसान आंदोलन को लेकर कई अलग अलग दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज दूसरा दिन था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है। अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे।
कृषि कानूनों पर बीजेपी की बैठक खत्म
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी की बैठक खत्म हो गई है। बीजेपी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी महासचिवों के साथ गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे। संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात से पहुंचे हजारों किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलित हैं।
पिछले पांच दिनों से किसान जयपुर-दिल्ली हाइवे की शाहजहांपुर सीमा पर बैठे हुए हैं। किसान दिल्ली की ओर कूच करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर किसानों को सीमा पर ही रोका हुआ है, जिसके कारण जयपुर-दिल्ली हाइवे पांच दिन से जाम है।
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी मुख्यालय में बैठक
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी मुख्यालय में बैठक हो रही है। इसमें पार्टी के महासचिवों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं।
राकेश टिकैत ने कहा- सरकार इस आंदोलन को हिंसक करना चाहती है
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जगह-जगह किसानों को रोका गया। लड़ते हुए किसान दिल्ली आ रहे हैं। सरकार आंदोलन को हिंसक करना चाहती है।
आप विधायक ने दिल्ली विधानसभा में फाड़ी कानून की प्रति
गुरुवार को दिल्ली विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई तो यहां काफी हंगामा मचा। आप विधायक महेंद्र गोयल ने कृषि कानूनों की प्रतियां सदन में फाड़ दीं और कहा कि मैं इन काले कानूनों को नहीं मानता क्योंकि ये किसानों के खिलाफ है। इसके बाद सदन में जय जवान जय किसान के नारे लगाए गए।
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किसान संगठनों को भेजा जाएगा नोटिस
भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को नोटिस जाना है और सुझाव दिया है कि इस मामले को शीतकालीन अवकाश के लिए अदालत की अवकाश पीठ के समक्ष रखा जाए। इससे पहले भारत के मुख्य न्यायधीश ने ये भी कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से यहां के लोग भूखे रह सकते हैं। आपका(किसानों) मकसद बात करके पूरा हो सकता है।
सिर्फ विरोध प्रदर्शन पर बैठने से कोई फायदा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं। COVID-19 एक चिंता का विषय है, वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते।
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सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, CJI बोले- प्रदर्शन किसानों का हक
सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है। अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे। आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी।
CJI ने कहा- प्रदर्शन किसानों का हक, कमेटी बनाकर हल निकले
-सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है। अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं।
-अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है।
-अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए। वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है।
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टिकरी बॉर्डर पर किसान जयसिंह की मौत
टिकरी बॉर्डर पर एक किसान जय सिंह की ठंड से मौत हो गई है। वह हरियाणा के रहने वाले थे।
किसान आंदोलन में खुदकुशी कर चुके बाबा संत राम सिंह का अंतिम दर्शन करने पहुंचे सुखबीर बादल
कृषि कानून के खिलाफ जारी आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने वाले संत बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। इससे पहले करनाल के सिंगड़ा में उनके अंतिम दर्शन करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। गुरुवार सुबह अकाली दल नेता सुखबीर बादल भी बाबा राम सिंह के गुरुद्वारे पहुंचे।
किसान नेता बोले-नहीं मिला कोर्ट का नोटिस:
सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन पर सुनवाई होनी है, इस बाबत बुधवार को 8 किसान संगठनों को नोटिस जारी हुआ था, हालंकि भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के एमएस राय ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है, जब मिलेगा तो सभी संगठन आपस में बैठकर चर्चा करेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में सुंनवाई आज, 8 किसान संगठनों को नोटिस:
बुधवार को किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सरकार और किसानों के बीच समझौते के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए केंद्र सरकार, पंजाब-हरियाणा सरकार और 8 किसान संगठनों को नोटिस भेजा गया है। वहीं आज फिर अदालत में आगे की रुपरेखा को लेकर सुनवाई होनी है।
इन संगठनों को दिया गया नोटिस:
भारतीय किसान यूनियन (BKU- राकेश टिकैत)
बीकेयू सिंधुपुर (जगजीत इस. डल्लेवाल)
BKU राजेवाल (बलबीर सिंह राजेवाल)
बीकेयू लखोवाल (हरिंदर सिंह लखोवाल)
जन्मभूमि किसान सभा( कुलवंत सिंह संधू)
बीकेयू डकौंडा (बूटा सिंह बुर्जगिल)
बीकेयू दोआबा (मंजीत सिंह राय)
कुल हिन्द किसान फेडरेशन (प्रेम सिंह भंगू)
आत्महत्या करने वाले किसान बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार कल :
बुधवार शाम सिंघु बॉर्डर पर किसान बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। उनकी आत्महत्या के बाद सुसाइड नॉट मिला, जिसमे उन्होंने किसानों की दशा पर दुःख जताया और कहा कि किसानो के साथ ज हो रहा है, उससे आहत हूँ। वहीं अब बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार कल यानी 18 दिसंबर को किया जाएगा. संतों का फैसला है कि उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
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