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किसान आंदोलन: किसानों के समर्थन में अभय सिंह चौटाला ने दिया इस्तीफा
ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान कर जारी दिल्ली हिंसा की निंदा की है। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली का माहौल बिगड़ा हुआ है। किसान प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस फ़ोर्स तैनात है। दिल्ली में कई रास्ते बंद हैं। सोशल मीडिया पर पुलिस निगरानी कर रही है, वहीं अब तक 22 एफआईआर दर्ज कर दिल्ली हिंसा की जांच की जा रही है।
पुलिस कमिश्नर कहा- हमने संयम बरता
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसान नेता किसानों को उकसा रहे थे और वे वही थे जो पूर्व निर्धारित मार्गों पर जाने से इनकार कर रहे थे। हमारे पास ऐसे वीडियो हैं जो दिखा रहे हैं कि कैसे नेता किसानों को उकसा रहे थे।गाजीपुर से राकेश टिकैत की टीम ने बैरिकेड को तोड़ा और आगे बढ़ गए।
पुलिस के सामने कई विकल्प थे लेकिन हमने संयम बरता। किसान नेता भी हिंसा में शामिल थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हिंसा में पुलिस की 30 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
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'किसान दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे'
दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। हमने 26 जनवरी को परेड नहीं निकालने को कहा, लेकिन वे दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि 25 जनवरी को हमने महसूस किया कि किसान उपद्रवी तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं। किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया। उन्होंने किसानों को भड़काया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं को KMP का ऑप्शन दिया।
उनकी सिक्योरिटी, मेडिकल सब्जी की सुविधा देने का हमने वादा किया था। सबसे पहले बोला गया कि 26 की जगह कोई और तारीख रख लें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। किसान नेताओं ने दिल्ली में ही ट्रैक्टर मार्च निकालने की ठान ली थी। आखिरी मीटिंग में हमने 3 रूट दिए थे।
दिल्ली-जयपुर हाइवे से हटे किसान
दिल्ली में कल हुई हिंसा के बाद किसानों ने NH-8 को खाली कर दिया है। रेवाड़ी के 20 गांवों की पंचायत ने किसानों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसी के साथ दिल्ली-जयपुर हाइवे खाली हो गया। पिछले डेढ़ माह से मसानी बैराज पर बीच सड़क पर आंदोलनकारी धरना दे रहे थे।
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चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का धरना समाप्त
नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने धरना समाप्त समाप्त कर दिया है। किसानों के द्वारा कहा गया कि कल दिल्ली मे हुई हिंसा से हम आहत हैं। किसानों को बदनाम करने वाले इन उपद्रवी तत्वों की वजह से हमारी साख पर बात आ पड़ी है। किसानों ने कहा है कि हमारे लिए देश ही सर्वप्रथम है।
हम यह धरना प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं और कल की घटना हमारे लिए निंदनीय है।नोएडा के ADCP रणविजय सिंह ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने चिल्ला बॉर्डर से अपना कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन को खत्म कर दिया है। जो ट्रैफिक यहां किसानों के प्रदर्शन के कारण बाधित हो रखा था, अब हम उसे सुचारू रूप से चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
हादसे में किसान की मौत
ट्रैक्टर पैरेड से वापस आते समय हरियाणा के गोहाना के गांव बिचपडी के पास एक किसान की मौत हो गई। किसान की मौत ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे आने से हुई। मृतक का नाम अजय है और वो 19 साल का था। बताया जाता है कि वो कैथल का रहने वाला था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बता दें कि इस गांव से 150 ट्रैक्टरों का जत्था टिकरी बॉर्डर पर आया था।
किसान नेताओं के खिलाफ FIR
दिल्ली के समयपुर बादली में सभी 37 किसान नेताओं और अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट, हत्या की कोशिश ,साज़िश ,दंगा फैलाने ,सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने के तहत केस दर्ज हुआ है। ये एफआईआर मुकरबा चौक पर हिंसा को लेकर दर्ज हुई है।
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हिंसा के बाद हताश और उदास हैं किसान
गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद भले ही किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखना चाहते हों, लेकिन दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे किसानों के मनोबल पर पूरी घटना का विपरीत असर पड़ा है। सिंघु बॉर्डर पर 27 जनवरी की सुबह से ही किसान निराश हताश और उदास दिखाई पड़े। जिस सिंघु बॉर्डर के पहले स्टेज पर सुबह नेताओं के भाषण शुरू हो जाते थे वहां बुधवार की देर सुबह तक कोई किसान नेता मौजूद नहीं था।
किसान मंच के सामने कालीन पर बैठ तो गए थे, लेकिन सबके चेहरे पर उदासी थी और माहौल में सन्नाटा पसरा था। किसान नेता मंच पर आए और घटना के लिए दीप सिद्धू जैसे दूसरे असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार बताया लेकिन भीड़ में बैठे किसानों के चेहरे के हाव भाव नहीं बदले। लुधियाना के किसान परमिंदर सिंह ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि जो कुछ दिल्ली में हुआ कोई किसान वैसा नहीं चाहता था, लेकिन जो हुआ उससे हमें भी बेहद दुख है। यह पर्व हमारा था और हमारा है लेकिन कुछ लोगों ने गलत किया।
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कांग्रेस ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा
दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा इंटेलिजेंस की नाकामी है और अमित शाह को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहिए। पिछले एक साल में दिल्ली में दूसरी हिंसा हुई है। अगर प्रधानमंत्री गृह मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि वो अमित शाह को बचा दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उपद्रवियों को लाल किले में प्रवेश करने की अनुमति किसने दी। दीप सिद्धू बीजेपी नेताओं का करीबी है और वो कल लाल किले में मौजूद था। किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की ये साजिश है। हिंसा सुनियोजित थी। प्रदर्शनकारियों को लाल किले में घुसने की इजाजत दी गई। गृह मंत्री विफल रहे हैं।
हिंसा के बाद किसान नेताओं में दरार
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं में दरार दिखने लगी है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बाद अब भारतीय किसान यूनियन (भानु) भी आंदोलन से अलग हो गया है। यानी अब तक दो संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो चुके हैं।
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राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ किसान आंदोलन से हुआ अलग
किसान नेता वीएम सिंह ने ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है। वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन है। ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं।
उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या। उन्होंने धान की बात की क्या। उन्होंने किस चीज की बात की।
हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है।वीएम सिंह ने कहा कि हिंसा से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम। सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। ITO में एक साथी शहीद भी हो गया।
जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हमारा ये आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन इस आंदोलन को सही रास्ते पर ले जाने का मैं काम कर रहा हूं। हमारा आंदोलन तो बहुत पुराना है। राकेश टिकैत पर हमला करते हुए वीएम सिंह ने कहा कि ये तो नए-नए लोग आए हैं।
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किसानों के समर्थन में अभय सिंह चौटाला ने दिया इस्तीफा
इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा। अभय सिंह चौटाला ने इससे पहले स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को ईमेल कर विधायक पद से अपना इस्तीफा भेजा था। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ विधायक पद से इस्तीफा दिया।
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किसान मोर्चा ने की हिंसा की निंदा
ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान कर जारी दिल्ली हिंसा की निंदा की है। बयान में कहा गया कि संघर्षरत संगठनों ने किसानों से अपील की कि वे धरना स्थलों पर रहें और शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखें। किसान संगठनों ने इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया और असामाजिक तत्वों की निंदा की, जिन्होंने किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संगठनों ने सरकार और अन्य ताकतों को इस आंदोलन को नहीं तोड़ने देने का संकल्प लिया है।
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FIR में कई किसान नेताओं के नाम
ट्रैक्टर परेड को लेकर दिल्ली पुलिस ने बीते दिन हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डॉ। दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया। शाम चार बजे दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।
गृह मंत्रालय ने दिए सख्त एक्शन के आदेश
लाल किले पर उपद्रव की घटना पर गृह मंत्रालय बेहद नाराज दिख रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय ने पुलिस अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। वहीं घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
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दिल्ली हिंसा के बाद राजधानी का हालात ऐसे
हिंसा के चलते दिल्ली के हालातों के मद्देनजर कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद करवा दिया गया। जिसके बाद हजारों इंटरनेट यूजर प्रभावित हुए। वहीं दिल्ली में कई रास्ते बंद कर दिए गए। बॉर्डर पर भी रूट डायवर्जन किया गया।
दिल्ली हिंसा में उपद्रवियों पर अबतक 22 FIR दर्ज
दिल्ली में जमकर हिंसा हुई, किसानों और पुलिस के बीच झड़प के साथ ही लाल किले पर कब्जा कर प्राचीर पर झंडा फहराने की कोशिश की गयी। इसके बाद दिल्ली में अलर्ट जारी कर पैरामिलिट्री फ़ोर्स लगाई गयी। उपद्रवियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए। मामले में पुलिस ने अबतक 15 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें ईस्ट दिल्ली, द्वारका और पश्चिमी दिल्ली में 3-3 एफआईआर, 2 आउटर नार्थ, एक शाहदरा और एक नार्थ जिले में दर्ज हुई हैं।
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