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किसान आंदोलन: ट्रैक्टर मार्च की इज़ाज़त नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस में बात नहीं बन पाई है। किसानों के आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होगी। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बयान जारी किया जाएगा।

Shivani Awasthi
Published on: 21 Jan 2021 6:01 AM GMT
किसान आंदोलन: ट्रैक्टर मार्च की इज़ाज़त नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल
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किसान आंदोलन: किसानों और पुलिस के बीच बैठक खत्म, ट्रैक्टर मार्च की इजाजत नहीं

नई दिल्ली: किसान नेताओं और सरकार के बीच बीते दिन हुई दसवें दौर की वार्ता के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों के अस्थाई रोक का प्रस्ताव रखा था, जिसपर किसान संगठन आज फैसला लेंगे। इस बात सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। सरकार के प्रस्ताव को मानना है या नहीं इसे तय किया जाएगा और कल यानी 22 जनवरी को किसान अपना जवाब सरकार को देंगे। इसके अलावा ट्रैक्टर रैली को लेकर भी तैयारियां जारी है।

संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं होगी PC

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस में बात नहीं बन पाई है। किसानों के आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होगी। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बयान जारी किया जाएगा।

राहुल ने साधा केंद्र पर निशाना

किसानों के मसले राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा, 'रोज नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो, सीधे-सीधे कृषि-विरोधी कानून रद्द करो!'

rahul gandhi

कमेटी ने की किसान यूनियन से बात

कृषि कानून के मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने विभिन्न राज्यों के 8 किसान यूनियन से बातचीत की। बताया जा रहा है कि कुछ संगठन ने इस पर सहमति जताई तो कुछ ने विरोध किया। अगली बैठक 27 जनवरी को होगी। सुझाव के लिए वेबसाइट भी बनाई जा रही है।

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क्या मानेंगे किसान संगठन?

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस में बात नहीं बन पाई है। लेकिन अब सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक पर हर किसी की निगाहें हैं। पहले यहां पंजाब के किसान संगठनों की बैठक हो रही है, फिर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। शाम को करीब 5 बजे किसान संगठनों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। इसी दौरान सरकार के प्रस्ताव और ट्रैक्टर रैली पर रुख साफ किया जाएगा।

पुलिस और किसानों के बीच बैठक खत्म

-गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली को लेकर चल रही दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच की बैठक खत्म हो गई है। किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से इनकार किया है, जबकि किसान दिल्ली में रैली निकालना चाहते हैं।

-पुलिस की ओर से केएमपी एक्सप्रेस वे पर छोटी रैली निकालने का ऑप्शन दिया गया, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।

-किसान नेताओं का कहना है कि वो अंतिम निर्णय किसान संगठनों की बैठक में ही लेंगे। हजारों ट्रैक्टर अलग-अलग इलाकों से दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।

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दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एसएस यादव सिंघु बॉर्डर पहुंचे

-दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एसएस यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट में पहुंचे है। उम्मीद है कि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर किसानों से मुलाकात कर सकते हैं।

-ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच बैठक शुरू हो गई है। इसके पहले दो बार बैठके हो चुकी हैं, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल पाया था, ऐसे में उम्मीद है कि आज कोई हल निकलेगा।

सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की बैठक

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 55 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानो को बीते दिन केंद्र सरकार ने 10वें दौर की बातचीत के दौरान सहमति बनने तक कृषि कानूनों को अस्थाई तौर पर स्थगित करने का प्रस्ताव दिया। सरकार के प्रस्ताव को लेकर किसान नेताओं ने विज्ञान भवन में अलग से बैठक की। कुछ देर बैठक करने के बाद किसान नेताओं ने तय किया कि वे गुरुवार को अन्य किसानों से बातचीत करने के बाद फैसला लेंगे। इस बाबत आज किसान सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और कल यानी शुक्रवार को सरकार को अपना फैसला सुनाएंगे।

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किसानों संग SC कमेटी की पहली बैठक

वहीं कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है, जो आज किसान संगठनों के साथ पहली बैठक करेगी। कमेटी ने कहा है कि जो किसान नहीं आएंगे, उनसे खुद मिलने भी जाएंगे। ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है। 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे।

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ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस का जवाब:

26 जनवरी को होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं संग बैठक कर उन्हें समझाने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक का हवाला दिया। बता दें कि दिल्ली पुलिस नहीं चाहती कि किसान दिल्ली के अंदर दाखिल हों। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन पर बैठे हैं। अगर कोई उपद्रवी मार्च के बीच किसी तरह की वारदात कर देता है तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।

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