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फास्टैग सिस्टम लागू: टोल प्लाजा पर लगा रहा भीषण जाम, लोगों ने गिनाई समस्या

रविवार की सुबह फास्टैग सिस्टम पूरे देश में लागू हो गया है। फास्टैग सिस्टम लागू होते ही कानपुर के बारा टोल प्लाजा पर जाम लग गया। सुबह कैश टैक्स देने वाले वाहनों के लिए कानपुर से आने व जाने की तरफ दो-दो लेन चालू की गई।

Harsh Pandey
Published on: 16 Dec 2019 9:27 AM GMT
फास्टैग सिस्टम लागू: टोल प्लाजा पर लगा रहा भीषण जाम, लोगों ने गिनाई समस्या
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कानपुर: रविवार की सुबह फास्टैग सिस्टम पूरे देश में लागू हो गया है। फास्टैग सिस्टम लागू होते ही कानपुर के बारा टोल प्लाजा पर जाम लग गया। सुबह कैश टैक्स देने वाले वाहनों के लिए कानपुर से आने व जाने की तरफ दो-दो लेन चालू की गई।

बताया गया कि कुछ ही देर में दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई, इस बात की जानकारी होते ही एसडीएम अकबरपुर आनंद कुमार सिंह पहुंचे और टोल प्रबंधन को जाम न लगने देने की चेतावनी दी। कैश टैक्स लेने के लिए दोनों तरफ चार और लेन बढ़ाई गईं। इसके बाद भी पूरे दिन टोल पर भीषण जाम लगा रहा।

बारा टोल प्लाजा पर कानपुर से आने व जाने की तरफ 20 लेन संचालित हैं, लेकिन रविवार सुबह आठ बजे फास्टैग सिस्टम लागू होने पर दोनों तरफ की दो-दो लेन टैक्स कैश देने वाले वाहनों के लिए खोली गईं। बाकी सभी फास्टैग लेन के रुप में चालू रहीं।

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वाहनों की लंबी कतार...

बता दें कि कैश टैक्स देने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने पर जाम लग गया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। टोल की हर लेन पर वाहन आड़े तिरछे खड़े हो गए। इससे फास्टैग लेन भी बंद हो गई। वहीं, फास्टैग लेनों से तमाम ऐसे वाहन बूथ तक पहुंच गए, जिनमें फास्टैग नहीं लगा था। इस पर कर्मचारियों ने उन वाहनों को पीछे हटवा कर कैश लेन से निकलवाया।

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पहला दिन, हुई अव्यवस्था...

फास्टैग व्यवस्था लागू होने पर पहले दिन ही अव्यवस्था रही। टोल कर्मी फास्टैग लेन खाली रखने के लिए जूझते रहे। टोल प्लाजा पर जाम लगने की सूचना पर एसडीएम फोर्स के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने टोल के एजीएम मनोज शर्मा को किसी भी हाल में जाम न लगने की चेतावनी दी।

कैश टैक्स देने वाले वाहनों के लिए दोनों तरफ दो-दो लेन और बढ़ाई गई। फिर भी कानपुर से आने वाली लेनों में एक से डेढ़ किमी दूर उमरन तक हाईवे पर वाहनों की लंबी लाइन लगी रही।

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कानपुर में भी लगा जाम...

इसी तरह से कानपुर जाने वाली लेनों पर भी बड़ी संख्या में वाहन जाम में फंसे रहे। अकबरपुर थाना प्रभारी आमोद कुमार सिंह पहुंचे। पूरे दिन वाहन चालकों की टोल कर्मियों से नोकझोंक होती रही। कई बार वाहन चालकों को समझा कर शांत कराया गया।

बारा टोल प्लाजा के एजीएम मनोज शर्मा ने बताया कि पहला दिन होने की वजह से कुछ अव्यवस्था रही है। फास्टैग लगे वाहनों की जानकारी के लिए लेन पर बोर्ड लगाया था। इसके बाद भी कैश टैक्स देने वाले कई वाहन फास्टैग लेनों में चले गए। टोल के सुरक्षा कमियों को ऐसे वाहनों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

लोगों ने कहा- कैंट बोर्ड ने आंख मूंदकर बनाया शुल्क वसूली का प्लान...

कैंट बोर्ड द्वारा आधी अधूरी तैयारियों के बीच प्रवेश शुल्क वसूली से रविवार को भी भीषण जाम से हालात बिगड़े रहे। शहर के लोगों ने यह फरमान लागू करने वालों को कोसते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। सवाल किए कि क्या हाईवे पर कहीं भी ऐसे ही बैरियर लगा दिए जाते हैं? तेजी से आ रही गाड़ी को अचानक रोक लिया जाता है? इससे तो न सिर्फ बड़ा हादसा हो सकता है बल्कि यह जाम का सबब भी बन रहा है।

कुछ लोगों ने कहा कि कैंट में वाहन प्रवेश शुल्क वसूलने के लिए सारा प्लान मानों आंखें मूंदकर ही बना लिया गया। यही वजह है कि रुड़की और मवाना रोड के हाईवे होने के बावजूद यहां पर इस तरह की लापरवाही की जा रही हैं।

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राजस्व वसूलने का हो रहा काम...

कैंट बोर्ड जहां अपना राजस्व वसूलने में लगा है वहीं, शहर हलकान है। रविवार को भी वसूली प्वाइंटों से गुजरने वाले लोगों को जाम में फंसना पड़ा। कोई बाइक सवार अचानक आगे चल रहे वाहन के रुकने पर फिसलकर गिर गया तो कोई कार चालक बस के अचानक से ब्रेक लगाने पर टकराते बचा। जो जाम में फंसा वो अफसरों को कोसते हुए बस यही बोलता रहा कि पहले से ही शहर में जाम की कोई कमी थी क्या? जो यह इंतजाम और कर दिया।

अव्यवस्था का कुछ ऐसा हाल...

शनिवार रात 12 बजे से कैंट बोर्ड ने 11 जगहों पर ही वाहन प्रवेश शुल्क की वसूली शुरू की तो रुड़की और मवाना रोड पर रात दो बजे के बाद तक वाहनों की कतारें लगी रहीं। रविवार को दिन में भी रह-रहकर यहां जाम के हालात बनते रहे। रुड़की रोड, मवाना रोड और दिल्ली रोड पर बनाए गए प्रवेश शुल्क प्वाइंटों पर कर्मचारी बसों को देखकर बैरिकेडिंग लगाते तो दूसरे वाहन चालक इधर-उधर को स्टेयरिंग घुमाना शुरू कर देते।

आरएम रोडवेज नीरज सक्सेना ने कहा...

दिल्ली रोड पर फैज-ए-आम कॉलेज के सामने बनाए गए प्वाइंट पर सबसे ज्यादा परेशानी रोडवेज के अफसरों को है। आरएम रोडवेज नीरज सक्सेना का कहना है कि वे डीएम से मिलकर इस पर बात करेंगे कि रोडवेज बसों को इससे छूट दिलाई जाए। नहीं दी जाएगी तो पूरी रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय भेजी जाएगी।

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बता दें कि जहां पर ये प्वाइंट बनाया गया है कि यहां से कैंट में इंट्री से भैसाली बस स्टैंड की दूरी महज तीन सौ मीटर है। इसके लिए हर बस को 100 रुपये शुल्क देना होगा। तीनों मार्गों पर रोडवेज की करीब 1000 बसें रोजाना चलती हैं। एक चक्कर भी लगाया तो रोजाना के एक लाख रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

लोगों ने कहा- सरकार फास्टैग लगवा रही...

रुड़की-मवाना और दिल्ली रोड पर जाम में फंसने वाले लोगों ने कहा कि शुल्क वसूलो, लेकिन दूसरों को असुविधा क्यों दे रहे हो। कैंट बोर्ड को सोचना चाहिए था कि एक तरफ सरकार टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए फास्टैग लगा रही है।

वहीं, कैंट बोर्ड ने वही पुराने ढर्रे पर बैरीकेडिंग लगवा दिए हैं। अरे! यही करना था तो टोल प्लाजा जैसी व्यवस्था भी तो करनी चाहिए थी। ये तो जाम का इंतजाम कर दिया गया है।

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ये कैंट बोर्ड की मेहरबानी...

शास्त्रीनगर निवासी अंकित चौधरी से बात हुई तो वे गुस्से से फूट पड़े। कहने लगे कि ये रोड जाम से फ्री थी। पहले कमिश्नरी आवास चौराहे से गंगानगर तक आराम से चले जाते थे। लेकिन अब कैंट बोर्ड की मेहरबानी से यहां भी जाम लगना शुरू हो गया है।

कब तक झेलना पड़ेगा...

मीनाक्षीपुरम निवासी सुमित ने बताया कि कॉमर्शियल वाहनों से अगर शुल्क वसूलना था तो यहां पर उसी प्रकार से व्यवस्था बनानी चाहिए थी। टोल प्लाजा की तरह काम करना चाहिए था, जिससे कि रोड पर दूसरे लोगों को दिक्कत न हो। अब पता नहीं कब तक ऐसे ही झेलना पड़ेगा।

हो सकता है बड़ा हादसा....

अम्हैड़ा निवासी वीरेंद्र सिंह व्यवस्था को कोसने लगे, उन्होंने कहा कि एक तो यह हाईवे है। दूसरे अगर आप शुल्क लेते भी हैं तो कम से कम उसका ढंग तो ठीक हो। इस तरह से तो यहां किसी भी दिन बड़ा हादसा हो जाएगा।

कोई जगह तो छोड़ दो...

रक्षापुरम निवासी प्रीति का कहना है कि शायद शहर में कोई ऐसी जगह नहीं छोड़ना चाहते हैं जहां पर जाम न लगे। अब तक यहां जाम नहीं था लेकिन अब रोजाना यहां भी जाम से जूझना पड़ेगा।

समस्या रोज बढ़ेगी...

रुड़की रोड निवासी राहुल सिंह ने बताया कि ये समस्या आगे और भी बढ़ेगी। रात को नो एंट्री खुलने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत तब बढ़ेगी जब ट्रकों का लोड ज्यादा रहेगा।

Harsh Pandey

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