कोरोना से हालात गंभीर: भारत में नए मरीजों की रफ्तार सबसे तेज, ब्राजील को भी पीछे छोड़ा

कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन में रियायतों के साथ ही इस वायरस से संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला काफी तेज हो गया है।

Ashiki
Published on: 10 Jun 2020 2:45 AM GMT
कोरोना से हालात गंभीर: भारत में नए मरीजों की रफ्तार सबसे तेज, ब्राजील को भी पीछे छोड़ा
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन में रियायतों के साथ ही इस वायरस से संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला काफी तेज हो गया है। पिछले कई दिनों से रोजाना करीब 10 हजार नए मरीज मिलने के कारण कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 2.67 लाख के ऊपर पहुंच गई है। दुनिया में भारत और ब्राजील में नए केस मिलने की रफ्तार सबसे तेज है। इस मामले में पहले भारत ब्राजील से पीछे चल रहा था मगर अब कोरोना के नए मरीजों के मामले में भारत ने ब्राजील को भी पीछे छोड़ दिया है।

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जल्द ही ब्रिटेन से ज्यादा केस होंगे

दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो अभी भी इस वायरस का सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में ही दिख रहा है। जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में इस समय 71,38,885 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इन मरीजों में सबसे ज्यादा अमेरिका के हैं जहां अभी तक 20 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं। ब्राजील सात लाख मरीजों के साथ दूसरे और रूस करीब पांच मरीजों के साथ तीसरे नंबर पर है। भारत अभी दुनिया में पांचवें नंबर पर चल रहा है मगर अगले तीन दिनों में भारत के ब्रिटेन को पछाड़कर चौथे नंबर पर पहुंच जाने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि तेज रफ्तार के कारण अगले 3 दिन में भारत 2.88 लाख मरीजों के आंकड़े को पार कर जाएगा।

ब्रिटेन में नए केसों की रफ्तार काफी घटी

भारत और ब्राजील में दो सप्ताह पहले नए मामले मिलने की दर 5 फ़ीसदी से ज्यादा थी। वहीं कोरोना से संक्रमित तीन अन्य देशों में यह दर दो फीसदी के आसपास थी। पिछले सप्ताह के दौरान भारत और ब्राजील में नए केस मिलने की दर 5 फ़ीसदी से कम हुई है, लेकिन अभी यह 4 फीसदी से ज्यादा बनी हुई है। इसके विपरीत तीन अन्य देशों में दर घटकर दो फीसदी से भी नीचे पहुंच चुकी है। ब्रिटेन में नए केसों के मिलने की रफ्तार काफी कम हो चुकी है और वहां यह दर 0.6 फीसदी ही रह गई है।

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ब्राजील से आगे निकल गया भारत

अगर नए केस मिलने के मामले में भारत और ब्राजील की तुलना की जाए तो दो सप्ताह पहले ब्राजील में यह दर 5.4 फ़ीसदी थी जबकि भारत में 5.6 फ़ीसदी। लेकिन मौजूदा समय में ब्राजील में यह दर घटकर 4.3 फ़ीसदी रह गई है जबकि भारत में यह दर घटने के बावजूद ब्राजील से ज्यादा 4.4 फीसदी आंकी जा रही है। वैसे ब्राजील के आंकड़ों पर संदेह भी जताया जा रहा है क्योंकि वहां की सरकार ने कोरोना के मुद्दे पर आलोचना के बाद मासिक आंकड़े देना बंद कर दिया है। अब वहां सरकार की ओर से केवल रोजाना नए मिलने वाले मामलों की जानकारी दी जा रही है।

अप्रैल से नए केसों की रफ्तार में तेजी

लॉकडाउन के पहले दो चरणों के दौरान भारत में कोरोना के नए केस कम मिल रहे थे। हालांकि इसका कारण कम टेस्टिंग को बताया जा रहा है। टेस्टिंग के काम में तेजी आने के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भारत ने नए मामले मिलने की दर में अमेरिका और ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था। मई महीने के दौरान भारत ने इस मामले में रूस को भी पीछे छोड़ दिया और अब भारत में नए केस मिलने की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है।

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कम टेस्टिंग के बावजूद नए केस ज्यादा

जानकारों का कहना है कि भारत और ब्राजील में अमेरिका, ब्रिटेन और रूस तीनों देशों से कम टेस्ट होने के बावजूद यहां नए मामले मिलने की दर इन तीनों देशों से काफी ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में रोजाना होने वाली टेस्टिंग की क्षमता बढ़ने के साथ ही नए केसों के मिलने की रफ्तार में और तेजी दर्ज की जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पिछले दिनों कहा था कि यदि भारत में अमेरिका की तरह टेस्टिंग की जाए तो वहां अमेरिका से भी ज्यादा मरीज निकलेंगे।

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