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पंचरत्न की अद्भुत कहानी! एक दिन, हुआ चार बहनों का जन्म और फिर...

एक दिन जन्मीं चार बहनें, अब एक ही दिन करेंगी शादी, जी हां, आप एकदम सही पढ़ रहे हैं। रोचक तथ्य यह है कि दक्षिण भारतीय राज्य केरल की ये चार बहनें एक ही दिन जन्मीं, चारों ने अपना पूरा जीवन एक ही छत के नीचे साथ गुजारा,

Harsh Pandey
Published on: 15 Dec 2019 3:03 PM GMT
पंचरत्न की अद्भुत कहानी! एक दिन, हुआ चार बहनों का जन्म और फिर...
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केरल: एक दिन जन्मीं चार बहनें, अब एक ही दिन करेंगी शादी, जी हां, आप एकदम सही पढ़ रहे हैं। रोचक तथ्य यह है कि दक्षिण भारतीय राज्य केरल की ये चार बहनें एक ही दिन जन्मीं, चारों ने अपना पूरा जीवन एक ही छत के नीचे साथ गुजारा, एक ही खाना खाया और एक ही जैसे कपड़े पहने, सिर्फ इतना ही नहीं 15 साल की उम्र तक स्कूल में भी एक साथ बैठती रहीं, खबर है कि अब ये चारों बहनें एक ही दिन शादी करने वाली हैं।

एक ही दिन हुआ जन्म...

खास बात यह है कि ये चार बहनें और इनका एक भाई एक ही दिन पैदा हुए थे और इसी वजह से यह परिवार हमेशा से ही स्थानीय मीडिया में चर्चित रहा है। इन चार बहनों का नाम क्रमश: उत्तरा, उत्तरजा, उत्तारा, उत्तामा और उनके भाई उत्तराजन का जन्म 18 नवंबर 1995 को हुआ था।

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आपको बता दें कि अब ये चारों बहनें अगले साल की 26 अप्रैल को एकसाथ ही शादी करने की योजना बनाई है।

उत्तरा ने बताया कि हमारे घर पर होने वाली ज़्यादातर बातचीत अब सिर्फ़ शादी की योजनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, हमें शादी के दिन के लिए सिल्क की साड़ियां खरीदनी हैं, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हम एक ही रंग और एक ही डिज़ाइन के कपड़े खरीदेंगे। आपको बता दें कि उत्तरा एक पत्रकार हैं और उनके होने वाले पति भी एक रिपोर्टर हैं।

शादियों में सबकुछ एक जैसा...

उन्होंने बताया कि शादी पूरे रीति-रिवाज़ और पारंपरिक तरीक़ों से होगी, आमतौर पर यहां लोग खु़द अपने साथी को नहीं चुनते बल्कि परिवार के सदस्य शादियां तय करते हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि ये भी एक अरेंज्ड शादी है।

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मां रेमा देवी ने की बेटियों की मदद...

इन बहनों की मां रेमा देवी ने अपनी बेटियों को एक मैट्रिमोनियल (वैवाहिक) वेबसाइट के ज़रिए उनने लिए पतियों को ढूंढने में मदद की है।

कुछ इस तरह होती है शादी...

आपको बता दें कि इस तरह की शादियों में आमतौर पर समान आर्थिक-शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले और एक ही जाति के लोगों के बीच शादियां होती हैं, ज्योतिषों से दूल्हे और दुल्हन की कुंडली मिलवाई जाती है और वे परिवारों को बताते हैं कि क्या लड़का-लड़की एक-दूसरे के लिए बने हैं या नहीं, दूल्हा और दुल्हन को अपनी बात रखने और मर्ज़ी बताने का मौक़ा दिया जाता है।

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हो गई है सगाई...

इस साल सितंबर में चारों बहनों के लिए सगाई समारोह रखा गया था, लेकिन चार दूल्हों में से तीन नहीं आ पाए क्योंकि वो मध्य-पूर्व में नौकरी करते हैं। अब ये प्रयास है कि चारों यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहीं हैं कि उनकी शादियों में सब कुछ एक जैसा हो।

एक साथ ही जीवनसाथी खोजा...

दरअसल, इन चारों बहनों ने जीवन के हर उतार-चढ़ाव को एक साथ देखा है, कभी-कभी उन्होंने एक-दूसरे के साथ मुक़ाबला भी किया और इसी वजह से अपने-अपने व्यक्तित्व को भी संवारा। बताया जाता है कि उत्तरजा पढ़ाई में हमेशा ही अव्वल रहीं और उत्तमा ने संगीत में रूचि दिखाई और वायलिन सीखना शुरू कर दिया, जबकि उनके भाई उत्तराजन ने तबला सीखने में रुचि ली।

उत्तरा ने फ़ैशन डिज़ाइनिंग की पढ़ाई भी की हैं, उत्तराजा और उत्तामा एनेस्थीशिया टेक्नीशियन बन गई हैं।

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जब इन चारों ने ख़ुद के लिए जीवनसाथी चुनने की तलाश शुरू की तब उत्तरजा ने लगभग एक साल पहले अपने लिए सबसे पहले पार्टनर तालाशा था लेकिन उन्होंने इस मामले में जल्दबाज़ी ना करने का फ़ैसला किया।

उत्तरजा ने कहा...

उत्तरजा ने बताया कि हमारी मां की इच्छा है कि हम सब एक ही दिन शादी करें इसलिए हमने इंतज़ार करने का फ़ैसला किया।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में शादियों में बहुत पैसा ख़र्च होता है और कई परिवार ख़र्चे को कम करने के लिए भाई-बहनों की शादी एक ही दिन साथ में करवा देते हैं।

इन बहनों का कहना है कि चार अलग-अलग शादियों का आयोजन करने में जो ख़र्चा होगा वो उनकी मां के लिए ज़्यादा तो है ही, लेकिन एक ही दिन शादी के फ़ैसले के पीछे एक भावनात्मक कारण भी है।

एक नया सफर...

आपको बता दें कि उत्तरजा और उनके पति ने शादी जल्दी कराने के लिए कभी ज़ोर नहीं दिया, उनकी शादी आकाश कुमार से हो रही है, जो मध्य-पूर्व में एक एनेस्थीशिया टेकनीशियन के तौर में काम करते हैं।

उन्होंने बताया कि हम आकाश के कुवैत जाने से पहले एक ही अस्पताल में काम किया करते थे, हम एक-दूसरे को जानते थे, मेरे मां से बात करने के बाद उनका परिवार ख़ुश था।

उत्तरजा का कहना है कि अपनी शादी के कुछ महीने बाद अपने पति के साथ जाकर बसेंगी।

उन्होंने कहा कि यह थोड़ा कठिन है और मैं थोड़ी दुखी हूं, थोड़ा डर भी है। मैं कभी किसी दूसरे देश में नहीं गई हूं लेकिन शादी के लिए मैं काफ़ी उत्सुक हूं।

कुवैत में नौकरी पाना आसान नहीं...

उत्तरजा को उम्मीद है कि कुवैत में नौकरी पाना उनके लिए आसान होगा, उत्तरा और उत्तामा भी मध्य पूर्व में काम करने वाले युवकों से शादी कर रहीं हैं।

चारों बहनें एक नई शुरुआत करने के लिए उत्साहित हैं, हालांकि इनके भाई उत्तराजन को अभी शादी की कोई जल्दी नहीं है और वो पारिवारिक जीवन शुरू करने से पहले कुछ वर्षों तक विदेश जाकर काम करना चाहते हैं।

घर का नाम रखा था पंचरत्न...

चार बहनों और एक भाई के माता-पिता इन पांचों के जन्म पर बहुत ख़ुश हुए और उन्होंने अपने घर का नाम 'पंचरत्न' रखा, आपको बता दें कि पंचरत्न का मतलब होता है कि पांच रत्नों से बना हुआ।

कभी नहीं छोड़ेंगे एक-दूसरे का साथ...

साथ ही साथ आपको बता दें कि यह एक हिंदू परिवार है और उनकी शादी एक प्रसिद्ध मंदिर में कराई जाएगी, शादी में सिर्फ़ करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित किया जाएगा।

पत्रकार और फ़ोटोग्राफर्स आयेंगे शादी में...

उत्तरा के मुताबिक सुर्खियों में होना एक आशीर्वाद की तरह है, पांच बच्चों का एकसाथ होना बहुत दुर्लभ है और इस वजह से मीडिया ने अक्सर इस परिवार में रुचि ली है।

उनका जन्म, जिस दिन वे स्कूल गए और जिस दिन उनका स्कूल ख़त्म हुआ, ये सब कुछ स्थानीय मीडिया ने कवर किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम अलग-अलग जगहों पर जाकर रह रहें होंगे तब भी हम हमेशा भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के साथ रहेंगे और एक-दूसरे के बारे में सोचे रहे होंगें।

Harsh Pandey

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