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धोखेबाज चीन: 45 साल बाद दोहराई अपनी हरकत, शोक में है पूरा देश
पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं। बॉर्डर पर शहीद हुए इन सैनिकों को लद्दाख के आर्मी हास्पिटल में सलामी दी गई है।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं। बॉर्डर पर शहीद हुए इन सैनिकों को लद्दाख के आर्मी हास्पिटल में सलामी दी गई है। ऐसे में शहीदों के शवों पर सम्मानजनक वीर फूल-चक्र चढ़ाया गया। इसके चलते लद्दाख से आए इस वीडियो मेें देखने के बाद इस बात की संभावना जताई जा रही हैं कि अब जल्द से सभी शहीद जवानों के शव उनके परिवार को सौंपे जाएंगे।
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1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान
बता दें, गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के कमांडिंग अफसर सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। साथ ही 4 जवानों की हालत नाजुक बनी हुई है।
पूर्वी लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में एलएसी पर ये झड़प 3 घंटे चली। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इसी गलवान में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई।
बीते मंगलवार को ही इस घटना के बाद दिल्ली में बैठक चल रही थी। पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की।
फिर इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हुए।
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जानकारी के लिए बता दें, चीन से भारत को 45 साल बाद एक बार फिर धोखा मिला है। लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है।
इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अलग-अलग पार्टियों के अध्यक्ष शामिल होंगे, जिसमें एलएसी के मौजूदा हालात पर चर्चा की जाएगी।
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