60 चीनी सैनिक मारे गए: चीन लगातार हो रहा खत्म, अमेरिका ने किया खुलासा

पू्र्वी लद्दाख की गलवान घाटी को लेकर अमेरिका के एक अखबार ने अपने आर्टिकल में बेहद चौंकाने वाली बातें लिखी है। इस अमेरिकी आर्टिकल के अनुसार, 15 जून को गलवान में हुई झड़प में चीन की तरफ से 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।

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Published on: 13 Sep 2020 9:08 AM GMT
60 चीनी सैनिक मारे गए: चीन लगातार हो रहा खत्म, अमेरिका ने किया खुलासा
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पू्र्वी लद्दाख की गलवान घाटी के लेकर अमेरिका के एक अखबार ने अपने आर्टिकल में बेहद चौंकाने वाली बातें लिखी है। इस अमेरिकी आर्टिकल के अनुसार, 15 जून को गलवान में हुई झड़प में चीन की तरफ से 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।

नई दिल्ली। पू्र्वी लद्दाख की गलवान घाटी को लेकर अमेरिका के एक अखबार ने अपने आर्टिकल में बेहद चौंकाने वाली बातें लिखी है। इस अमेरिकी आर्टिकल के अनुसार, 15 जून को गलवान में हुई झड़प में चीन की तरफ से 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। ऐसे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ही भारतीय क्षेत्र में आक्रामक धावा बोलने के लिए उतावले थे, पर उनकी इस साजिश में उनकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) फ्लॉप हो गई। हालांकि चीनी आर्मी से इस तरह की तो अपेक्षा नहीं की जा रही थी।

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चीन की सेना की विफलता

अमेरिका के अखबार के आर्टिकल में कहा गया है कि भारतीय सीमा पर चीन की सेना की विफलता के परिणाम सामने आएंगे। चीनी आर्मी ने शुरुआत में शी जिनपिंग की इस विफलता के बाद फौज में विरोधियों को बाहर करने और वफादारों की भर्ती करने की बात कही है। जाहिर है, बड़े अफसरों पर गाज गिरेगी।

आगे आर्टिकल में लिखा, सबसे बड़ी बात यह कि विफलता के चलते चीन के आक्रामक शासक जिनपिंग जो कि पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष भी हैं और इस नाते पीएलए के लीडर भी, वो भारत के जवानों के खिलाफ एक और आक्रामक कदम उठाने के लिए उत्तेजित होंगे।

China army lac फोटो-सोशल मीडिया

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असल में बात ये है कि मई की शुरुआत में ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के दक्षिण में चीन(China) की सेना आगे बढ़ीं। यहां लद्दाख में तीन अलग-अलग इलाकों में भारत-चीन के बीच टेम्परेरी बॉर्डर है। सीमा तय नहीं है और PLA(चीनी सेना) भारत की सीमा में घुसती रहती है। वो भी तो से जब से सन् 2012 में शी जिनपिंग पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने हैं।

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china army फोटो-सोशल मीडिया

20 भारतीय जवान शहीद

ऐसे में मई में हुई घुसपैठ ने भारत को भौच्चका कर दिया था। इसी कड़ी में फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के क्लिओ पास्कल ने बताया कि मई के महीने में रूस ने भारत को यह बताया था कि तिब्बत के स्वायत्तशासी क्षेत्र में चीन का लगातार युद्धाभ्यास किसी इलाके में छिपकर आगे बढ़ने की तैयारियां नहीं हैं। लेकिन 15 जून को चीन ने गलवान में भारत को चौंका दिया। यह सोचा-समझा कदम था और चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।

बता दें, गलवान में भारत-चीन के बीच हुई झड़प दोनों देशों में 40 साल बाद पहली खतरनाक भिड़ंत थी। विवादित इलाकों में घुसना चीन की आदत है। दूसरी ओर, 1962 की हार से लकवाग्रस्त हो चुकी भारतीय लीडरशिप और जवान सुरक्षात्मक रहते हैं।

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43 सैनिकों की जान गई

हालाकिं गलवान में ऐसा नहीं हुआ। यहां चीन के कम से कम 43 सैनिकों की जान गई। ऐसे में पास्कल ने बताया कि यह आंकड़ा 60 के पार हो सकता है। भारतीय जवान बहादुरी से लड़े और चीन खुद को हुए नुकसान को नहीं बताएगा।

50 साल में पहली बार भारत ने आक्रामक रूख अपनाया। हाल ही में जिन ऊंचाई वाले इलाकों को चीन ने हथिया लिया था, भारत ने उन पर फिर से अपना कब्जा कर लिया। अब तनातनी और चीन के धोखधड़ी के रवैये को देखते हुए भारत काफी सख्त कदम उठा रहा है।

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