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Gandhi Jayanti 2023: सत्य और अहिंसावादी बापू से अंग्रेज भी घबराते थे, Newstrack पर पढ़ें महात्मा गांधी के ये अनसुने किस्से

Mahatma Gandhi Birthday Special: Newstrack महात्मा गांधी पर कई ऐसी स्टोरी किया है जिसे शायद आप न जानते हों, लेकिन आज हम आपको यहां ऐसी की स्टोरियों के बारे में बताएंगे।

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Newstrack Network
Published on: 2 Oct 2023 12:48 AM IST (Updated on: 2 Oct 2023 12:57 AM IST)
Gandhi Jayanti 2023 Special
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Gandhi Jayanti 2023 Special (Photo - Social Media)

Gandhi Jayanti 2023 Special: अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चल कर महात्मा गांधी ने ऐसी मिसाल पेश की कि आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। महात्मा गांधी अब इस दुनिया में भले ही नहीं हैं, लेकिन उन्होंने ऐसे-ऐसे कार्य किए जिनके लिए लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। देश को आजाद कराने में बापू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अपने इरादों के पक्के महात्मा गांधी जो निश्चय कर लेते थे वह कर दिखाते थे। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों को मजबूर कर दिया। अंग्रेज भी बापू से घबराते थे। वे जानते थे कि महात्मा गांधी कभी न हार मामने वाले शख्स हैं। वे जो ठान लेते हैं वह कर के दिखाते हैं। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती हर साल मनाई जाती है। Newstrack महात्मा गांधी पर कई ऐसी स्टोरी किया है जिसे शायद आप न जानते हों, लेकिन आज हम आपको यहां ऐसी की स्टोरियों के बारे में बताएंगे। तो यहां पर दिए गए लिंक पर और जानिए महात्मा गांधी के बारे में...

हिटलर के प्रोपेगैंडा मिनिस्टर गोएबल्स ने कहा था कि एक झूठ सौ बार बोला जाय तो सच हो जाता है। भारत के तमाम लोग गोएबल्स को नहीं जानते पर उसके इस सिद्धांत को जानते और मानते हैं। इस पर अमल भी करते हैं। इस पर अमल का ही नतीजा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक दूसरे के दुश्मन बना दिए गये हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें...

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उत्तर प्रदेश में भाजपा के भगवा, सपा के सपाई और मायावती के बसपाई सियासी रंगों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का रंग न केवल तिरोहित हो गया बल्कि उनके नाम पर चलने वाली योजनाएं अब अफसरों के एजेंडे का भी हिस्सा नहीं रही। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें...

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गांधी पर मुँह खोलने से पहले क्या क्या चाहिए? गांधी पर उपदेश कुशल बहुतेरे नहीं थे। उन्होंने दूसरा गाल आगे करके देखा था भीख नहीं मिलती। दिखाया था आजादी मिलती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें...

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गांधी को गोरे अफ्रीकी रेलकर्मी ने पीटरमारिट्ज स्टेशन के प्लेटफ़ार्म पर रेल के डिब्बे से निकाल कर सामान सहित फेंक दिया। यहीं से सत्याग्रह का जन्म हुआ। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें...

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कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा... अल्लामा इक़बाल की इन लाइनों को आज तक प्रासंगिक बनाये रखने के एक सूत्र, स्तंभ महात्मा गांधी भी हैं। गांधी के सौ साल पहले और उनके समकालीनों में कोई ऐसा विचारक, चिंतक, दार्शनिक, सिद्धांतकार, राजनेता, प्रेरणा पुरुष या शख्स नहीं हुआ है। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें...

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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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