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इतिहास-ए-नोट! इसलिए आपके जेब में रहते हैं गांधी जी

जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, सभी नोटों पर वाटर मार्क एरिया में महात्मा गांधी की फोटो मुद्रित करने की सिफारिश 15 जुलाई 1993 को की गई थी। जबकि नोट में दाहिनी ओर गांधीजी की तस्‍वीर मुद्रित करने की सिफारिश 13 जुलाई 1995 को तत्‍कालीन केंद्र सरकार ने की थी।

Harsh Pandey
Published on: 1 July 2023 7:15 AM IST (Updated on: 1 July 2023 11:24 AM IST)
इतिहास-ए-नोट! इसलिए आपके जेब में रहते हैं गांधी जी
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नई दिल्ली: 2 अक्‍टूबर यानी गांधी जयंती का दिन, आज पूरे देश में राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती मनाया जा रहा है।

बहरहाल, इस मौके पर देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजिक की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर बापू को याद किया। गांधीजी के विचारों, उनके मानवीय मूल्‍यों और सद्भाव के साथ अहिंसा के संदेश को हमने खूब पढ़ा, समझा और जीवन में उतारा है।

आईये आज इस मौके पर इतिहास के पन्‍नों को टटोलते है, आईये आपको बताते हैं, महात्‍मा गांधी, कैसे भारतीय रुपये का अभ‍िन्‍न अंग बन गए...

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नोट पर छपी गांधीजी की फोटो...

बताते चलें कि भारतीय रुपये के नोटों में बीते कुछ साल में कई बड़े बदलाव किये गये, हाल ही में इसमें कई परिवर्तन किए गए।

लेकिन इन सभी तमाम बदलावो के बावजूद भारतीय नोट से महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर नहीं हटी, क्या आपको पता है यह फोटो किसने खींची थी और पहली बार भारतीय रुपये के नोट पर इसका प्रयोग कब किया गया।

1969 में नोट पर आए थे बापू ...

आपको बता दें कि सबसे पहले नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर 1969 में छपी थी। यह उनका जन्म शताब्दी वर्ष था। तब 5 और 10 रुपये के नोट पर गांधीजी की तस्‍वीर छपी थी। महात्‍मा गांधी का जन्‍म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्‍टूबर 1869 को हुआ था। पहली बार 1969 में जब नोट पर गांधी जी तस्‍वीर छपी थी, उसमें गांधीजी के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी था।

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वायसराय हाउस में खींची गई थी तस्‍वीर...

साल 1996 में पहली बार महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर वाले नोटों की सीरीज जारी की गई। बापू की जो तस्‍वीर आज हम नोट पर देखते हैं, वह वायसराय हाउस (अब राष्‍ट्रपति भवन) में 1946 में खींची गई थी। राष्‍ट्रपिता म्यांमार (तब बर्मा) और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस से मुलाकात के लिए पहुंचे थे

साथ बताते चलें कि वहीं ली गई गांधीजी की तस्वीर को पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया गया। हालांकि, यह तस्‍वीर किस फोटोग्राफर ने खींची इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं है।

पहले अशोक स्‍तंभ, फिर गांधीजी...

बताया जा रहा है कि महात्‍मा गांधी से पहले भारतीय नोट पर अशोक स्‍तंभ की तस्‍वीर छपती थी। आरबीआई ने 1996 में नोटों के डिजाइन में बदलाव का फैसला किया। तब अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो स्‍थान दिया गया और अशोक स्तंभ को नोट के निचले हिस्‍से में बाईं तरफ रखा गया। यह अशोक स्‍तंभ अब निचले हिस्से में दाईं ओर नजर आता है।

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इतिहास, अशोक स्‍तंभ से पहले छपते थे किंग जॉर्ज...

अशोक स्‍तंभ और महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर से पहले भारतीय रुपये पर किंग जॉर्ज की तस्वीर भी छपा करती थी। किंग जॉर्ज की तस्‍वीर वाला नोट 1949 तक चलन में था। इसके बाद अशोक स्तंभ वाला नोट आया था।

1993 में केंद्र ने की थी सिफारिश...

जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, सभी नोटों पर वाटर मार्क एरिया में महात्मा गांधी की फोटो मुद्रित करने की सिफारिश 15 जुलाई 1993 को की गई थी। जबकि नोट में दाहिनी ओर गांधीजी की तस्‍वीर मुद्रित करने की सिफारिश 13 जुलाई 1995 को तत्‍कालीन केंद्र सरकार ने की थी।

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बतातें चलें कि 2 अक्‍टूबर यानी गांधी जयंती का दिन, आज पूरे देश में राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती मनाया जा रहा है।



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Harsh Pandey

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