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आज खुलेगा सबसे बड़ा फार्मा आईपीओ, 6400 करोड़ रुपये जुटाएगी कंपनी

दिग्गज फार्मा कंपनी ‘ग्लैंड फार्मा’ का आईपीओ 9 नवम्बर को खुदरा निवेशकों के लिए खुलेगा। ये भारत में किसी भी फार्मा कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ है। ग्लैंड फार्मा के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर 9 से 11 नवंबर के बीच कंपनी के इक्विटी शेयर खरीद पाएंगे।

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Published on: 9 Nov 2020 5:31 AM GMT
आज खुलेगा सबसे बड़ा फार्मा आईपीओ, 6400 करोड़ रुपये जुटाएगी कंपनी
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सबसे बड़ा फार्मा आईपीओ आज खुलेगा

दिग्गज फार्मा कंपनी ‘ग्लैंड फार्मा’ का आईपीओ 9 नवम्बर को खुदरा निवेशकों के लिए खुलेगा। ये भारत में किसी भी फार्मा कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ है। ग्लैंड फार्मा के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर 9 से 11 नवंबर के बीच कंपनी के इक्विटी शेयर खरीद पाएंगे। कंपनी का इरादा इस आईपीओ के जरिये 6,400 करोड़ रुपये जुटाने का है. कंपनी ने अपने प्रति का दाम 1,490 से 1,500 रुपये तय किया है. आईपीओ के ऊपरी भाव यानी 1,500 रुपए के आधार पर कंपनी 6,479 करोड़ रुपए इससे जुटाएगी। चीन की मेजोरिटी हिस्सेदारी वाली किसी कंपनी का यह पहला आईपीओ होगा।

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चीन की है 74 फीसदी हिस्सेदारी

हैदराबाद स्थित ग्लैंड फार्मा में चीन की कंपनी फोसन शंघाई फार्मा की 74 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी है और वो इस आईपीओ में अपने 1.9 करोड़ शेयर बेचेगी. वहीं, ग्लैंड सेल्सस की 12.97 फीसदी, एमपावर डिस्क्रीशनरी ट्रस्ट की 5.०८ फीसदी और निलय डिस्क्रीशनरी ट्रस्ट की 2.42 फीसदी हिस्सेदारी है।

दुनिया भर में प्रोडक्ट बेचती है कंपनी

ग्लैंड फार्मा इंजेक्टेबल दवाएं बनाती है और भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत 60 देशों में अपने प्रोडक्ट्स बेचती है. कंपनी के पास कुल 1427 प्रोडक्ट हैं और कंपनी ने Uएसएफडीए के पास 267 दवाइयों की न्यू ड्रग्स एप्लीकेशन फाइलिंग सबमिट की है, जिसमें 215 को मंजूरी मिल चुकी है.

31 मार्च 2020 को खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 2,772 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले ये 2,129.7 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कंपनी ने 772.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. ग्लैंड फार्मा को आईपीओ से पहले 1,943.86 करोड़ रुपए मिले हैं. यह पैसा 70 एंकर निवेशकों ने लगाया है. जिन एंकर निवेशकों ने पैसा लगाया है उसमें स्माल कैप वर्ल्ड फंड ने 6.62 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.

इसके बाद गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर ने 5.32 फीसदी, नोमुरा ट्रस्ट एंड बैंकिंग ने 4.16, गोल्डमैन सैक्श ने 3.31, एक्सिस म्यूचुअल फंड ने 3.02 और फ्रैंकलिन टेंपल्टन म्यूचुअल फंड ने 3.02 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. देश के सबसे बड़े फंड हाउस एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 3.02 फीसदी, आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने 2.84, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने 2.84, निप्पोन इंडिया म्यूचुअल फंड ने 2.84, कोटक म्यूचुअल फंड ने 2.46, मोर्गन स्टेनली इंडिया ने 2.27, एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ने 2.27 और पायोनियर इन्वेस्टमेंट ने 1.89 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.

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सबसे बड़ा आईपीओ

देश में अब तक फार्मा सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ एरिस लाइफ साइंसेस लाई थी जिसने 2017 में 1,741 करोड़ रुपए जरिए जुटाये थे. इसके बाद 2015 में अल्केम लैब ने 1,350 करोड़ और 2016 में लौरस लैब ने 1,350 करोड़ रुपए जुटाये थे. 2017 के बाद यह पहली फार्मा कंपनी है जो शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही है. सेबी की ये मंजूरी उस समय आई है जब भारत में फार्मा सेक्टर में जोरदार तेजी है.

1978 में हुई थी स्थापना

ग्लैंड फार्मा की स्थापना 1978 में पीवीएन राजू ने की थी. कंपनी मुख्यत: जेनरिक इंजेक्टेबल फार्मा प्रोडक्ट बनाती है. हांगकांग में लिस्टेड फोसन शंघाई ने 1.09 अरब डॉलर के निवेश से अक्टूबर 2017 में प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर से ग्लैंड फार्मा में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.

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