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Golden Retriever: 155 साल के हुए गोल्डन रिट्रीवर्स, जन्मस्थान पर मना जश्न

Golden Retriever: स्कॉटलैंड के पहाड़ों में स्थित "गुइसाचन हाउस" में 155 साल पहले पहले गोल्डन रिट्रीवर पिल्लों का जन्म हुआ था। उसी गुइसाचन हाउस में 16 से 18 जुलाई तक गोल्डन रिट्रीवर की नस्ल की 155 वीं सालगिरह मनाने के लिए दुनिया भर से सैकड़ों गोल्डन रिट्रीवर्स एकत्र हुए।

Neel Mani Lal
Published on: 19 July 2023 6:40 PM IST
Golden Retriever: 155 साल के हुए गोल्डन रिट्रीवर्स, जन्मस्थान पर मना जश्न
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Golden Retriever celebrated155th anniversary (Photo-Social Media)

Golden Retriever: इधर लोगों में कुत्ते पालने का शौक बहुत बढ़ गया है। तरह तरह की नस्लों वाले कुत्ते हर मोहल्ले, हर सोसाइटी में दिखाई देते हैं। ऐसी ही एक नस्ल गोल्डन रिट्रीवर की है जिसको खूब शौक से पाला जा रहा है। ये अलग बात है कि इस खूबसूरत नस्ल के डॉगी को पालने वालों को शायद ही पता हो कि ये नस्ल मूल रूप से कहाँ की है और कब अस्तित्व में आई। बहरहाल, अब जान लीजिए कि गोल्डन रिट्रीवर स्कॉटलैंड की नस्ल है और 155 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी।

सालगिरह का जश्न

स्कॉटलैंड के पहाड़ों में स्थित "गुइसाचन हाउस" में 155 साल पहले पहले गोल्डन रिट्रीवर पिल्लों का जन्म हुआ था। उसी गुइसाचन हाउस में 16 से 18 जुलाई तक गोल्डन रिट्रीवर की नस्ल की 155 वीं सालगिरह मनाने के लिए दुनिया भर से सैकड़ों गोल्डन रिट्रीवर्स एकत्र हुए। गुइसाचन हाउस ने कनाडा, उत्तरी अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित विभिन्न देशों के 222 कुत्तों का स्वागत किया। स्कॉटलैंड के गोल्डन रिट्रीवर क्लब द्वारा हर पांच साल में सभाओं का आयोजन किया जाता है, इस वर्ष ने उपस्थिति का एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य नस्ल के बारे में जानकारी को जीवित रखना था, जिसमें टॉक शो, कार्यशालाएं, प्रदर्शन, रात के समय जुलूस और गुइसाचन हाउस तक एक मील लंबी पैदल यात्रा शामिल है, जहां कुत्तों और मालिकों का स्वागत पाइपर वादकों द्वारा किया गया। रात को कार्यक्रम के अंत में बैगपाइप धुनों के साथ द प्रोक्लेमर्स के गीत आई एम गोना बी (500 माइल्स) की प्रस्तुति बजाई गई।

कैसे शुरू हुई नस्ल

गोल्डेन रिट्रीवर नस्ल 1868 में डडली कॉउट्स मार्जोरीबैंक्स द्वारा की गई थी, जिन्हें बाद में ऐतिहासिक गुइसाचन एस्टेट में लॉर्ड ट्वीडमाउथ के नाम से जाना गया। लॉर्ड ट्वीडमाउथ ने नूस नाम के एक पीले बालों वाले रिट्रीवर की बेले नाम के एक दुर्लभ ट्वीड वॉटर-स्पैनियल के साथ मेटिंग कराई, जिसने सबसे पहले गोल्डन रिट्रीवर्स को जन्म दिया जिनके नाम थे : क्रोकस, काउस्लिप, एडा और प्रिमरोज़। गोल्डन रिट्रीवर अब यूके में सबसे लोकप्रिय कुत्तों में से एक है। इनका पंजीकरण 2021 में चरम पर था जब 11,800 कुत्तों को पंजीकृत किया गया।

गोल्डन रिट्रीवर पश्चिमी दुनिया में साथी कुत्तों की सबसे आम नस्लों में से एक है, और यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में पंजीकरण की संख्या के आधार पर शीर्ष दस कुत्तों की नस्लों में से एक है। इन्हें गाइड कुत्तों और थेरेपी कुत्तों के रूप में प्रशिक्षित और उपयोग में लाया जाता है। पारंपरिक घने बालों वाला गोल्डन रिट्रीवर ठंड और नम, बरसाती स्थितियों में काम करने के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इनके बाल पानी प्रतिरोध और इन्सुलेशन प्रदान करते हैं। लेकिन अन्य रिट्रीवर नस्लों की तुलना में, गोल्डन रिट्रीवर एक मजबूत तैराक नहीं है। अंत मेंबता दें कि रिट्रीवर का मतलब है किसी चीज को ढूंढ कर ले आने वाला। पश्चिमी देशों में पक्षी, खरगोश आदि के शिकारी अपने शिकार को ले आने के लिए जिन कुत्तों का उपयोग करते थे उन्हें रिट्रीवर कहा जाता है। इस काम में लैब्राडोर भी मुफीद रहता है।

Neel Mani Lal

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