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आकाश से भारत की शान में लगे चार चांद, अब दुनियाभर के दुश्मनों का होगा खात्मा
आत्मनिर्भर भारत के जरिए सरकार ने स्वदेशी मिसाइल आकाश के निर्यात पर मुहर लगा दी है। आकाश मिसाइल से भारत को बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। आकाश मिसाइल 96 प्रतिशत स्वदेशी है।
नई दिल्ली। भारत की तमाम ऐसी सरकारी कंपनियां हैं जो विश्व स्तर पर हथियार बना लेती हैं। जिसके चलते अब उनके लिए विदेशी मार्केटों के द्वार खुल गए हैं। साल 2020 के आखिरी में केंद्र सरकार ने इससे जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के जरिए सरकार ने स्वदेशी मिसाइल आकाश के निर्यात पर मुहर लगा दी है। आकाश मिसाइल से भारत को बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। आकाश मिसाइल 96 प्रतिशत स्वदेशी है। ये सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है।
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कई देशों ने अपनी रुचि दिखाई
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के जरिए ये जानकारी दी है। केंद्र सरकार कैबिनेट स्तर पर पहले ही इसे लेकर मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में अब सबसे जरूरी ये है कि आकाश मिसाइल सिस्टम में ऐसी कौन सी खूबी है, जो इस मिसाइल को इतना अनोखा और ताकतवर बना रही है।
बता दें, इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना ने बनाया और 2015 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था। 30 दिसंबर 2020 को कैबिनेट की बैठक में आकाश मिसाइल के निर्यात को मंजूरी मिल गई।
फोटो-सोशल मीडिया
इस मिसाइल पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों/रक्षा प्रदर्शनी/एयरो इंडिया के दौरान कई देशों ने अपनी रुचि दिखाई है। जिसके चलते अब सरकार की मुहर के बाद विभिन्न देशों द्वारा जारी आरएफआई/आरएफपी में भाग लेने के लिए भारतीय निर्माताओं को सुविधा मिलेगी। कुछ देशों ने आकाश के अलावा तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफॉर्मों में भी रुचि दिखाई है।
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भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई मिसाइल
बता दें, भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई मिसाइल प्रणाली है। ये लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर सटीक निशाने के साथ हमला करने में पूरी तरह से सक्षम है। ऐसे में आकाश मिसाइल ब्रह्मोस की तरह सुपरसॉनिक मिसाइल है, जिसकी अधिकतम गति 2.5 मैक (3,087 किलोमीटर प्रति घंटा) है।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके निर्यात को लेकर कहा कि सरकार 5 बिलियन डॉलर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उच्च-मूल्य वाले रक्षा उपकरणों और हथियार को निर्यात करने का इरादा रखती है और इससे मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीतिक संबंधों में और मजबूती लाई जा सकती है। तो अब दुश्मनों के पसीने छूटने लगे है भारत की शक्ति को देखकर।
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