TRENDING TAGS :
...तो अब तक देश में होते एक लाख से अधिक कोरोना के मरीज
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और इस वायरस से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके प्रसार को रोकने के लिए...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और इस वायरस से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया। WHO ने भी पीएम मोदी के इस फैसले की सरहाना की। इसके साथ ही अब भारत में भी केंद्र व राज्य सरकारों का मानना है कि देश में लॉकडाउन का सकारात्मक असर हो रहा है।
ये भी पढ़ें: BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल के पिता का निधन, पूरे गांव में शोक
लॉकडाउन न होता तो स्थिति भयावह हो सकती थी
ऐसा माना जा रहा है कि भारत जैसे सघन आबादी वाले देश में अगर लॉकडाउन नहीं होता तो यहां की स्थिति और भी ख़राब हो सकती थी। देश में अब तक कोरोना के मरीजों की संख्या कई गुना अधिक होती। सरकार ने इस बात पर खुद कहा कि अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो आज भारत में 1 लाख लोगों तक कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच गया होता। और देश की स्थिति और भयावह हो सकती थी।
ये भी पढ़ें:J-K: बडगाम जिले के दूनीवारी में सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने फेंका ग्रेनेड, दागीं गोलियां
भारत में अभी यह महामारी नियंत्रण में है
बता दें कि कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए पहले एंपावर्ड ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, 'लॉकडाउन ने कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी होने की रफ्तार भी थाम ली। हमारा विश्लेषण कहता है कि कोविड-19 मरीजों की संख्या दोगुनी होनी की दर घटाने के लिहाज से लॉकडाउन काफी असरदार रहा। लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले एक लाख तक हो सकते थे, लेकिन भारत में अभी यह महामारी नियंत्रण में है।'
ये भी पढ़ें: तबलीगी जमात में जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद सस्पेंड
अलग- अलग किये जा रहे हैं दावे
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अगरवाल ने 11 अप्रैल को कहा था कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो 15 अप्रैल तक भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 8 लाख तक पहुंच सकती थी। लव अगरवाल ने एक ग्राफ के जरिए यह अनुमान पेश किया था। लेकिन 11 अप्रैल के बाद अब 24 यानी लगभग 12 दिन बाद यह कहा जा रहा है कि देश में 24 अप्रैल तक कोरोना के 1 लाख मरीज होते।
ये भी पढ़ें: बर्थडे स्पेशल: सचिन ने किया बड़ा खुलासा कहा- ये खिलाड़ी तोड़ सकते हैं मेरा रिकार्ड
जरा सोचिये अगर 15 अप्रैल तक ही 8 लाख मरीज होते तो 24 अप्रैल तक 1 लाख ही होने का अनुमान सरकार द्वारा किस आधार पर जताया जा रहा है? इन सब बातों से तो साफ जाहिर होता है कि सरकार द्वारा लॉकडाउन के असर पर अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं। हालांकि सरकार और एक्सपर्ट के आलावा देश की आम जनता का भी मानना है कि लॉकडाउन के कारण भारत में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की रफ्तार पर काफी हद तक काबू पाया जा सका है।
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान में 15 दिनों के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन, अब 9 मई तक रहेगा जारी
DRDO ने किया कमाल, अब मोबाइल लैब से आएगी कोरोना की टेस्टिंग में तेजी
DRDO ने किया कमाल, अब मोबाइल लैब से आएगी कोरोना की टेस्टिंग में तेजी