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उपसभापति का उपवास: धरने पर बैठे सांसदों की फिक्र, PM मोदी ने की तारीफ
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पास होने पर संसद में विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा देखने को मिला। अब इस पूरे मामले को लेकर उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है।
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पास होने पर संसद में विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा देखने को मिला। इन अध्यादेशों के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने वेल में आकर जमकर हंगामा किया और यहां तक कि रूल बुक फाड़ने की भी कोशिश की गई। इसके चलते सभापति ने विपक्षी दलों के आठ सांसदों को पूरे मॉनसत्र सत्र से निलंबित कर दिया है। वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है।
राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ, उससे मानसिक वेदना में
राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि 20 सितंबर 2020 को राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ, उससे बीते दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ी, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। 20 सितंबर को मेरे सामने उच्च सदम में जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है।
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हरिवंश ने पत्र में लिखीं ये बातें (फोटो- सोशल मीडिया)
हरिवंश ने पत्र में लिखीं ये बातें
उन्होंने आगे लिखा कि सदन के मानवीय सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश की गई। उच्च सदन की मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ायी गईं। हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का दृश्य पूरी रात मेरे मस्तिष्क में छाया रहा। सो नहीं सका।
एक दिन के उपवास पर बैठने की बात
हरिवंश ने पत्र में लिखा राज्यसभा और राज्यसभा का उपसभापति का पद ज्यादा महत्वपूर्ण और गरिमामय है, मैं नहीं, इस तरह मैं मानता हूं कि मेरा निजी कोई महत्व नहीं है पर इस पद का है। वो आगे लिखते हैं कि मुझे लगा है कि उच्च सदन के मर्यादित पीठ पर मेरे साथ जो अपमानजनक व्यवहार हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास करना चाहिए। शायद मेरे उपवास से सदन में इस तरह के आचरण करनेवाले माननीय सदस्यों के अंदर आत्मशुद्धि का भाव जागृत हो।
एक दिन के उपवास पर बैठने की बात (फोटो- सोशल मी़डिया)
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हरिवंश ने कहा कि यह उपवास इसी भावना से प्रेरित है। बिहार की धरती पर पैदा हुए राष्ट्रकवि दिनकर दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। कल 23 सितंबर को उनकी जन्मतिथि है। आज यानी 22 सितंबर की सुबह से कल 23 सितंबर की सुबह तक मैं इस अवसर पर 24 घंटे का उपवास कर रहा हूं। उन्होंने कहा है कि कामकाज प्रभावित ना हो, इसलिए मैं उपवास के दौरान भी राज्यसभा के कामकाज में नियमित और सामान्य रूप से भाग लूंगा।
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प्रधानमंत्री ने की हरिवंश की तारीफ
बता दें कि आज उपसभापति हरिवंश अपने घर की बनी चाय लेकर धरने पर बैठे राज्यसभा के आठ निलंबित सांसदों के पास पहुंचे। उन्होंने चाय पर चर्चा के दौरान सांसदों को मनाने की कोशिश की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की तारीफ की। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है।
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पीएम ने ट्वीट कर लिखीं ये बातें
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी। आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है।
हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।
यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
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