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Heavy Rain Alert India: हर तरफ पानी-पानी, आसमान से बरस रही प्रलय, जबर्दस्त बारिश और बाढ़ से भयानक नुकसान
Heavy Rain Alert India: आधा भारत इन दिनों एक्सट्रीम मौसम की गिरफ्त में है। भीषण बरसात और बाढ़ से उत्तरी और उत्तरपूर्वी राज्यों का बुरा हाल है तथा आने वाले दिनों में हालात और भी खराब होने की आशंका है।
Heavy Rain Alert India: आधा भारत इन दिनों एक्सट्रीम मौसम की गिरफ्त में है। भीषण बरसात और बाढ़ से उत्तरी और उत्तरपूर्वी राज्यों का बुरा हाल है तथा आने वाले दिनों में हालात और भी खराब होने की आशंका है। जो हालात बने हैं उनसे लगता है कि बाढ़ और बारिश से जानमाल के नुकसान के पिछले रिकार्ड इस बार टूट जाएंगे।
आसमानी आफत भारत के अलावा चीन में भी है जहां बेपनाह बर्बादी हो चुकी है। पाकिस्तान में भी पिछले साल जैसी भयंकर बाढ़ की आशंका बन गई है।
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार मानसूनी बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में भी लगातार बारिश हुई है, जिससे सतलज, रावी, ब्यास और यमुना नदियाँ उफान पर हैं, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। सैकड़ों सड़कें और पुल बह चुके हैं, भूस्खलन से भारी बर्बादी हुई है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम, उत्तराखंड आदि तमाम राज्यों में बारिश का कहर जारी है।
गर्मी और बरसात
इस बार सबसे बड़ी बात ये है कि बरसात के बावजूद भीषण गर्मी में कोई राहत नहीं है। बारिश के बावजूद तापमान जितना नीचे जाना चाहिए, उतना नीचे नहीं गया है और जबर्दस्त उमस बनी हुई है। सबसे विकट उदाहरण चीन का है जहां भारी बारिश के साथ साथ भीषण गर्मी पड़ रही है। चीन के अधिकांश हिस्सों में यही हाल है। उत्तरी, मध्य और दक्षिणपूर्वी चीन में भारी बाढ़ के बीच हजारों लोगों को आश्रय स्थलों में ले जाया गया है। चीन में इस साल बाढ़ का पानी असामान्य रूप से लंबे समय तक उच्च तापमान के साथ बढ़ा है। चीन इस मौसम में लू, बाढ़ और सूखे से एक साथ प्रभावित हो रहा है।
बढ़ेगी महंगाई
एक्सट्रीम मौसम का असर कीमतों पर पड़ेगा। सब्जियों पर इसका असर दिख ही रहा है। फसलों को हुए नुकसान और सप्लाई चेन टूटने का भी असर बाजार पर पड़ेगा। बाजार में चावल, दाल के दाम बढ़ने शुरू हो चुके हैं।
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अभी ऐसा ही रहेगा
उत्तर भारत के कई राज्यों में 9 जुलाई को भी भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गई, घरों को नुकसान पहुंचा और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सभी प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं और रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा भी रोक दी गई है।
हिमाचल का सबसे बुरा हाल
हिमाचल प्रदेश में बारिश जनित घटनाओं में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गयी है। पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और 13 फ़्लैश फ्लड की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं। किन्नौर और लाहौल और स्पीति के आदिवासी जिलों को छोड़कर, 12 में से दस जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। मनाली में दुकानें बहने, कुल्लू, किन्नौर और चंबा में अचानक आई बाढ़ में कई वाहनों के बह जाने की खबरें हैं। शिमला जिलों में भी कई सड़कें बंद कर दी गई हैं। मंडी से कुल्लू और कुल्लू से मनाली हाईवे बन्द कर दिया गया है। शिमला और कालका के बीच ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि कई स्थानों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से ट्रैक अवरुद्ध हो गया है।
उत्तराखंड में
खराब मौसम और अत्यधिक बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों से भूस्खलन, सड़कें बंद होने और नदियों-नालों में उफान आने की घटनाएं सामने आई हैं। टिहरी गढ़वाल जिले में भूस्खलन की चपेट में आए एक वाहन के गंगा नदी में गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लापता हैं।
क्या है वजह
साल दर साल गर्मी, बरसात और बाढ़ की बढ़ती जा रही विकरालता की वजह ग्लोबल वार्मिंग बताई जा रही है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाने से पहाड़ों पर होने वाली कुछ बड़ी बर्फबारी अब अत्यधिक बारिश में तब्दील हो रही है। इसका नतीजा पिछले साल पाकिस्तान में आई
खतरनाक बाढ़ के रूप में सामने आ चुका है।
नेचर जर्नल में छपे एक अध्ययन के अनुसार, 1950 से बारिश और बर्फ के डेटा का उपयोग करते हुए, वैज्ञानिकों ने गणना की कि दुनिया में हर डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर उच्च ऊंचाई पर अत्यधिक वर्षा 15 फीसदी बढ़ जाती है।
बर्फबारी से ज्यादा खतरनाक है बारिश
वैज्ञानिकों ने कहा है कि पहाड़ों में भारी बारिश भारी बर्फबारी की तुलना में कहीं अधिक समस्याएं पैदा करती है, जिनमें बाढ़, भूस्खलन और कटाव शामिल हैं। बारिश को आसानी से जमा नहीं किया जा सकता जबकि बर्फ पिघल कर जलाशयों को रिचार्ज कर सकती है।