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प्याज ने दिया सरकार को टेंशन: गृहमंत्री अमित शाह ने किया बैठक, लिया ये फैसला     

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में देश में प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह कालाबाजारियों पर लगाम लगाने के लिए राज्यों को परामर्श जारी करें। शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए बंदोपाध्याय ने केंद्र सरकार पर प्याज की कीमतों पर लगाम कसने में विफल रहने का आरोप लगाया।

SK Gautam
Published on: 5 Dec 2019 3:42 PM GMT
प्याज ने दिया सरकार को टेंशन: गृहमंत्री अमित शाह ने किया बैठक, लिया ये फैसला     
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नई दिल्ली: दिन प्रतिदिन प्याज की बढ़ती कीमतों ने दे सरकार की टेंशन भी बढ़ा दी है। देश के आम लोगों के रसोई घर में प्याज का अकाल भी पड़ गया है। प्याज की कीमतें 100 से लेकर 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। प्याज की कीमतों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की बैठक शुरू हो गई है।

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बता दें कि मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी मौजूद थे। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार पीके सिन्हा भी मौजूद थे।

इसी बीच खाद्य और आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने एक के बाद कई ट्वीट कर प्याज की महंगाई की वजहें गिनाईं तो यह भी बताया कि सरकार ने अब तक क्या किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्र और तुर्की से मंगाए जा रहे प्याज की खेप 15 दिसंबर तक मिलने लगेगी।



तुर्की, मिस्र से मंगाया गया प्याज

प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए MMTC ने 6090 टन प्याज मिस्र से और 11000 टन तुर्की से मंगाया है जो 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच उपलब्ध हो जाएगा। तुर्की से और 4000 टन प्याज जनवरी के मध्य तक बाजार में आ जाएगा। इसके अलावा 5-5 हजार टन के तीन नए टेंडर भी निकाले गए हैं।

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तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में देश में प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह कालाबाजारियों पर लगाम लगाने के लिए राज्यों को परामर्श जारी करें। शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए बंदोपाध्याय ने केंद्र सरकार पर प्याज की कीमतों पर लगाम कसने में विफल रहने का आरोप लगाया।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि प्याज जैसी उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि गंभीर समस्या है। अचानक प्याज की कीमतों में इतनी वृद्धि दर्ज की गई है कि आम लोगों सहित उपभोक्ताओं पर बोझ काफी बढ़ गया है।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने स्वयं बाजार का दौरा किया

उनकी माने तो नवंबर महीने में प्याज की कीमतों में 61.94 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और केंद्र सरकार इस पर नियंत्रण करने में विफल रही। उन्होंने बोला है कि समय पर अगर कदम उठाए गए होते, तब ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न होती। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने स्वयं बाजार का दौरा किया और वह इस पर नजर रख रही हैं।

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बंदोपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकारों का कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए राज्यों को परामर्श जारी करना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं।

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