×

कुलभूषण केस: ICJ में भारत ने पाकिस्तान की ऐसे खोली पोल

नीदरलैंड की हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने बुधवार को पाकिस्तान में बंद भारत के कुलभूषण जाधव मामले में फैसला सुनाया है। इस फैसले के साथ आईसीजे में भारत की बड़ी जीत हुई है। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।

Dharmendra kumar
Published on: 17 July 2019 7:09 PM IST
कुलभूषण केस: ICJ में भारत ने पाकिस्तान की ऐसे खोली पोल
X

नई दिल्ली: नीदरलैंड की हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने बुधवार को पाकिस्तान में बंद भारत के कुलभूषण जाधव मामले में फैसला सुनाया है। इस फैसले के साथ आईसीजे में भारत की बड़ी जीत हुई है। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। पाक की सैन्य अदालत ने जाधव को जबरन अपराध कबूल करवाकर मौत की सजा सुनाई थी, जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दी। कुलभूषण केस में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई हैं।

पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया

यह भी पढ़ें...सोनभद्र: जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में खूर्नी संघर्ष, 9 लोगों की हत्या, दर्जनों घायल

पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। पाक ने उन्हें न सिर्फ कानूनी मदद से दूर रखा, बल्कि मां और पत्नी तक से सीधे मिलने नहीं दिया गया। दो साल और दो महीने तक आईसीजे की 15 सदस्यीय पीठ में सुनवाई के दौरान भारत ने पाक का पूरा कच्चा चिट्ठा दुनिया के सामने रखा। नीदरलैंड्स के द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। भारत ने पूरे मामले में पाक के झूठ को बेनकाब किया।

यह भी पढ़ें...1000 अफसरों पर मोदी सरकार का बड़ा प्रहार, ताबड़ तोड़ एक्शन जारी

भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को बताया कि कैसे पाकिस्तान एक गैरजवाबदेह राज्य रहा है और उसकी सैन्य अदालतें अंतरराष्ट्रीय संधियों एवं प्रतिबद्धताओं को तोड़ती रही हैं। पाकिस्तान कॉन्स्युलर रिलेशंस पर वियना संधि और नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, इसके बावजूद वह ऐसी हरकतें कर रहा है।

सैन्य अदालतों की स्थापना 2015 के बाद

यह भी पढ़ें...भारत की बड़ी जीत, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण की फांसी पर लगाई रोक

भारत ने बताया कि कैसे पाकिस्तान की सैन्य अदालतें अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की आंखों में धूल झोंकने की कवायद मात्र है। पाक में सैन्य अदालतों की स्थापना 2015 के बाद की गई। इसका एकमात्र मकसद मुकदमों में सेना के दखल सुनिश्चित करना था। पाक की सैन्य अदालतों ने अप्रैल 2017 के बाद से मृत्युदंड की कई सजाएं दीं।

भारत ने अदालत को बताया कि कैसे पाकिस्तान ने जाधव को अगवा कर पहले जबरन बयान दिलवाया और फिर इसके आधार पर उन्हें फांसी की सजा सुना दी। उन्हें कानूनी सहायता तक मुहैया नहीं कराने दी गई जो कि वियना संधि का सीधे-सीधे उल्लंघन है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story