कोरोना वायरस पर ICMR की बड़ी चेतावनी, वैक्सीन आने के बाद भी करना होगा ये काम

आईसीएमआर का कहना है कि वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतनी होंगी। आईसीएमआर की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।

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Published on: 29 Nov 2020 7:44 AM GMT
कोरोना वायरस पर ICMR की बड़ी चेतावनी, वैक्सीन आने के बाद भी करना होगा ये काम
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आईसीएमआर की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। इसके साथ वैक्सीन को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। दुनियाभर के लोगों को उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद सबकुछ पहले की तरह ही हो जाएगा।

अब इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बड़ा बयान दिया है। आईसीएमआर का कहना है कि वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतनी होंगी। आईसीएमआर की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। इन नियमों में मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना शामिल हैं।

जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का टारगेट

आईसीएमआर के प्रमुख प्रोफेसर बलराम भार्गव ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल हुए है। उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना वैक्सीन का काम तेजी से हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। प्रोफेसर भार्गव ने बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि हमने अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का टारगेट रखा हुआ है। इसके बाद आगे की तैयारी होगी।

ICMR Chief Professor Balram Bhargava

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बलराम भार्गव ने लोगों को बताया कि भारत सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि विकासशील देशों के 60 फीसदी लोगों के लिए भी वैक्सीन बना रहा है। भार्गव ने बताया कि देश की 24 कंपनियां और 19 फर्में कोरोना वैक्सीन को तैयार करने में लगी हुई हैं। प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि मास्क एक वैक्सीन की तरह ही काम करता है। इसीलिए वैक्सीन बनने के बाद भी मास्क की आवश्यकता बनी रहेगी। उन्होंने बताया मास्क उन लोगों को भी सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं जो कोरोना से उबर चुके हैं।

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मास्क कपड़े के वैक्सीन की तरह

प्रोफेसर भार्गव ने कार्यक्रम में कहा कि मास्क कपड़े के वैक्सीन की तरह है। उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने में मास्क की जरूरत है जिसकी हम उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम दिन रात एक कर कोरोना वैक्सीन बना रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि भारत में पांच दवा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बना रही हैं। इनमें दो कंपनियां भारत द्वारा विकसित वैक्सीन बना रही हैं, तो वहीं तीन विदेशी सहायता से वैक्सीन बना रही हैं। उन्होंने बड़ी बता बताते हुए कहा कि वैक्सीन कोरोना को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। हमें स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना वायरस के दिशा-निर्देश बने रहेंगे। इसके साथ ही मास्क की आवश्यकता बनी रहेगी।

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