Death In Space: अंतरिक्ष में यदि किसी की मौत हो जाए तो, क्या हैं नासा के बनाए गए प्रोटोकॉल

Death In Space: यदि आपकी मौत अंतरिक्ष में हो जाए तो क्या होगा ?यदि नहीं सोचा तो सोच लिए और सोचा है तो उसका उत्तर आपको यहाँ मिल जाएगा । इस सवाल का उत्तर नासा के बनाए गए प्रोटोकॉल में निहित है ।

Akshita Pidiha
Published on: 20 Aug 2023 3:46 PM GMT (Updated on: 20 Aug 2023 4:01 PM GMT)
Death In Space: अंतरिक्ष में यदि किसी की मौत हो जाए तो, क्या हैं नासा के बनाए गए प्रोटोकॉल
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अंतरिक्ष में यदि किसी की मौत हो जाए तो, क्या हैं नासा के बनाए गए प्रोटकॉल: Photo- Social Media

Death In Space: अंतरिक्ष में आपको यात्रा करने का अवसर का मिले तो आप क्या कहेंगें ? हालाँकि यह सब आसान नहीं है , इसमें ख़तरा अधिक है। हाल ही में ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक जैसी कंपनियों का अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली कम्पनी में शामिल हुई हैं । पर कभी आपने सोचा है यदि आपकी मौत अंतरिक्ष में हो जाए तो क्या होगा ?यदि नहीं सोचा तो सोच लिए और सोचा है तो उसका उत्तर आपको यहाँ मिल जाएगा ।

क्या हैं नासा के बनाए गए प्रोटोकॉल

इस सवाल का उत्तर नासा के बनाए गए प्रोटोकॉल में निहित है ।आपको जानकारी के लिए बता दें अब तक 20 यात्रियों की मौत हो चुकी है ।अंतरिक्ष में जाने के बारे में 60 साल पहले ही सोच लिया गया था ।अब नासा चंद्रमा और मंगल ग्रह पर भी लोगों को भेजने के बारे में सोच रहा है ।पर यहाँ होने वाली मौत की आशंका भी बढ़ती जा रही है ।

मौत के आँकड़ों की बात की जाए तो साल 1986 से लेकर 2003 के बीच नासा अंतरिक्ष शटल त्रासदी में 14 अंतरिक्ष यात्रियों की जान जा चुकी है। साल 1971 में सोयुज 11 मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्रियों, 1967 में अपोलो 1 लॉन्च पैड की आग में तीन अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई थी।

नासा के प्रोटकॉल के हिसाब से टीम की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है ।नासा एस्ट्रोनॉट्स को स्वस्थ रखने के लिए अंतरिक्ष चिकित्सक नए तरीकों की लगातार खोज में लगे हैं। चंद्रमा , मंगल ग्रह और अंतरिक्ष यान या अंतरिक्ष स्टेशन सभी के लिए अलग नियम बनाए गए हैं ।

यदि कोई एस्ट्रोनोट निचले पृथ्वी की कक्षा मिशन पर मर जाता है, तो चालक दल कुछ घंटों के भीतर एक कैप्सूल में शरीर को धरती पर ला सकता है। वहीं यदि चांद पर कोई अंतरिक्ष यात्री मर जाता है, तो टीम के सभी सदस्य डेड बॉडी के साथ कुछ दिनों में ही धरती पर पहुँच सकते हैं ।क्योंकी नासा के प्रोटकॉल के हिसाब से अन्य बाक़ी सदस्यों की जान को सुरक्षित रखना है ।

क्या होता है डेड बाडी का?

पर मंगल ग्रह की यात्रा के दौरान टीम वापस आने के बारे में नहीं सोचती है । बल्कि मिशन जारी रखा जाता है । और कुछ साल बाद चालक दल के साथ शव के आने की संभावना है। पर इतने साल तक शव को सुरक्षित रखने के लिए अंतरिक्ष यान में ही एक अलग कक्ष में शव को रखते हैं या एक विशेष बॉडी बैग शव को सुरक्षित रखा जाता है । यान के स्थिर तापमान और आर्द्रता से शरीर को संरक्षित रखा जाता है । पर यह तभी मुमकिन है जब किसी की मौत अंतरिक्ष स्टेशन या अंतरिक्ष यान जैसे दबाव वाले वातावरण में हुई हो।

वहीं यदि मंगल की सतह पर मौत हो जाती है तो मरने के बाद के कोई भी कर्म नहीं किए जाते हैं क्योंकी उसके लिए अन्य सदस्यों को बहुत ज़्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है, जो दल के जीवित सदस्यों को दूसरे उद्देश्यों के लिए चाहिए होगी। इसके आलावा ना ही दफ़नाया जा सकता है क्योंकि इंसानी शरीर के बैक्टीरिया से मंगल ग्रह की सतह दूषित हो सकती है। ऐसा संभव है कि शव को एक विशेष बॉडी बैग में धरती तक वापस सुरक्षित लाया जाता है ।

Akshita Pidiha

Akshita Pidiha

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