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कोरोना की जंग से दूर होते हम, तो कैसे बचेंगे इस महामारी से
21 दिनों के लॉकडाउन के आदेश के बाद से दिल्ली, बिहार, यूपी और झारखंड के मजदूर, कारीगर सभी अपने-अपने घर जाने का बैचेन हैं। उनकी इस बेचैनी के चलते लॉकडाउन से जीतने वाली जंग पर कोई तरह के सवाल खड़े होते जा रहे हैं।
नई दिल्ली। 21 दिनों के लॉकडाउन के आदेश के बाद से दिल्ली, बिहार, यूपी और झारखंड के मजदूर, कारीगर सभी अपने-अपने घर जाने का बैचेन हैं। उनकी इस बेचैनी के चलते लॉकडाउन से जीतने वाली जंग पर कोई तरह के सवाल खड़े होते जा रहे हैं। लॉकडाउन के चलते इन लोगों की हड़बड़ाहट से कोरोना के संक्रमण का खतरा और बढ़ता दिखाई दे रहा है। दिल्ली का आनंद विहार बस अड्डा, गाजियाबाद बस अड्डा और कौशांबी इस वक्त अपने-अपने घर जाने वाले मजदूरों के हुजूम से भरा पड़ा हैं। ऐसी स्थिति से खतरा टलने की बजाय बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
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बस में इतनी बड़ी संख्या में लोग
ऐसे में सीएम योगी ने मजदूरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 1000 बसें चलाने का फैसला किया है। जीं हां ये बसें दिल्ली में फंसे यूपी के मजदूरों को लेकर उनके गांव जाएगी। साफ पता चल रहा है कि लोगों की इतनी ज्यादा तादात से वायरस के बढ़ने का खतरा और बढ़ता जा रहा है।
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इस तरह से मजदूरों की संख्या को देखते हुए बसों में यात्रा के दौरान ऐसे किसी भी संक्रमण के केस बढ़ सकते हैं। इसके अलावा यदि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी तरह से अपने गांव पहुंच जाता है और इसक जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं होती है तो उससे कई और लोगों के संक्रमित होने का खतरा रहता है।
सीएम नीतीश कुमार ने कही ये बात
इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सीएम नीतीश कुमार ने मजदूरों को लाने के लिए की गई बसों की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। सीएम नीतीश ने कहा है कि दिल्ली से या कहीं और से लोगों को बुलाने से समस्या और बढ़ेगी। क्योंकि ये लोग अपने गांव में भी संक्रमण फैला सकते हैं। इससे लॉकडाउन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।
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