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नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका, भारत ने उठाया ये सख्त कदम

भारत ने नेपाल और बांग्लादेश को बड़ा झटका दिया है। भारत ने दोनों देशों से तीन लाख टन से ज्यादा रिफाइन्ड पाम ऑयल के आयात की मंजूरी को रद्द कर दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 15 May 2020 10:21 PM IST
नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका, भारत ने उठाया ये सख्त कदम
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नई दिल्ली: भारत ने नेपाल और बांग्लादेश को बड़ा झटका दिया है। भारत ने दोनों देशों से तीन लाख टन से ज्यादा रिफाइन्ड पाम ऑयल के आयात की मंजूरी को रद्द कर दिया है। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत, नेपाल और बांग्लादेश को भारत को पाम ऑयल बेचने के लिए आयात शुल्क नहीं देना पड़ता है।

लेकिन दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) की जरूरी शर्त के मुताबिक दोनों देश खुद पाम ऑयल का उत्पादन नहीं करते हैं जिसकी वजह से भारत ने आयात को रद्द करने का सख्त कदम उठाया है।

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नेपाल और बांग्लादेश से पाम ऑयल, मसाले और टायर समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क नहीं लगता है, हालांकि इसमें साफ्टा के कई प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा था। आयात में गड़बड़ी ये है कि ये देश खुद इन चीजों का उत्पादन नहीं करते हैं। कुछ मुनाफाखोर आयातक और व्यापारी अपने सामान को इन देशों के जरिए भारत को बेचने की कोशिश करते हैं ताकि मुक्त व्यापार समझौते के तहत इन देशों को आयात शुल्क में मिलने वाली छूट पा सकें।

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साफ्टा समझौते में शामिल कई देशों में दूसरी जगहों से आए सामान पर बहुत ही कम आयात शुल्क या बिना किसी शुल्क के आयात होता है। इन देशों से पाम ऑयल आयात करने के लिए अधिकृत 39 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लाइसेंस पश्चिम बंगाल और बिहार के आयातकों के हैं। इन परमिट के जरिए सबसे ज्यादा आयात नेपाल से ही होना था। तीन लाख टन पाम ऑयल में से 2.93 लाख टन नेपाल से और 12,000 टन पाम ऑयल का आयात बांग्लादेश से किया जाना था।

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केंद्र की सरकार रिफाइन्ड कुकिंग ऑयल के आयात को भी हतोत्साहित करना चाहती है जिससे घरेलू रिफाइनरियों को अपनी क्षमता बढ़ाने का मौका मिल सके। जनवरी महीने में सरकार ने पाम आयल के आयात को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया था। इस कदम के बाद पाम ऑयल के आयात के लिए डीजीएफटी (डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड) की मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया गया था। फरवरी महीने में सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर 44 फीसदी आयात शुल्क और रिफाइन्ड ऑयल पर आयात शुल्क 54 फीसदी कर दिया था।



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Dharmendra kumar

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