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चीन पर एयर स्ट्राइक! सेना देगी मुंहतोड़ जवाब, इस एयरबेस को मिली बड़ी जिम्मेदारी

चीन की धोखेबाजी से LAC पर तनाव चरम पर है। जिसके मद्देनजर भारत सरकार ने तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु) को विशेष रूप से अलर्ट कर दिया है।

Shreya
Published on: 19 Jun 2020 11:19 AM IST
चीन पर एयर स्ट्राइक! सेना देगी मुंहतोड़ जवाब, इस एयरबेस को मिली बड़ी जिम्मेदारी
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नई दिल्ली: सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव अब और बढ़ता जा रहा है। चीन की धोखेबाजी से LAC पर तनाव चरम पर है। जिसके मद्देनजर भारत सरकार ने तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु) को विशेष रूप से अलर्ट कर दिया है। इसके साथ कई विशेष प्रस्तावों पर भी तेजी से काम किया गया है, ताकि वायु सेना की ताकत को बढ़ाया जा सके। इस दौरान ग्वालियर एयरबेस की भूमिका और बढ़ गई है।

बालाकोट एयर स्ट्राइक में रही है अहम भूमिका

आपको बता दें कि पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए बालाकोट में भारतीय वायु सेना ने जो एयर स्ट्राइक की थी, उसमें भी ग्वालियर स्टेशन की अहम भूमिका थी। यहां से ही 12 मिराज-2000 ने पाकिस्तान की सीमा में घुस कर जैश एक मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।

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चीन से टकराव की स्थिति में बढ़ेंगी भूमिका

ऐसे में चीन से टकराव की स्थिति में ग्वालियर एयरबेस की भूमिका खास तौर से बढ़ेगी। सूत्रों का कहना है कि ऐसे हालात में एक बार फिर से ग्वालियर के वायुवीरों को प्राथमिकता पर बड़ा टारगेट दिया जा सकता है। वहीं एयर फोर्स स्टेशन को एक्शन मोड में रहने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।

एयरबेस के नाम है कई उपलब्धियां और अनुभव

आपको बता दें कि इंडियन एयर फोर्स की सेंट्रल कमांड के तहत आने वाले ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन ने एक से बढ़कर एक अनुभव और उपलब्धियां अपने नाम की हैं। इसमें से एक है पिछले साल 2019 में हुआ बालाकोट एयर स्ट्राइक। जो पुलवामा अटैक के बाद किया गया था। इस एयर स्ट्राइक में जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था।

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ग्वालियर के वायुवीरों की मिली थी बालाकोट एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी

बालाकोट एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी ग्वालियर के वायुवीरों को ही दी गई थी। जिसमें उन्हें पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमला करना था। इस स्ट्राइक को उन्होंने बखूबी अंजाम भी दिया था। इस स्टेशन से 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी थी। लड़ाकू विमानों ने हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के ऊपर उड़ान भरते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) से तकरीबन 60 किमी. पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह किया था और सकुशल वापस लौटे थे।

इसके अलावा 1965, 1971 और 1999 कारगिल युद्ध में भी ग्वालियर बेस की एयर फोर्स 7 स्क्वाड्रन के नाम महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं।

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