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मोदी-जिनपिंग का सामना: तनाव के बीच पहली बार मुलाक़ात, 3 बैठकों पर टिकीं निगाहें
शिखर सम्मेलन की मेजबानी रूस 10 नवंबर को वर्चुअल माध्यम से करेगा। मोदी और जिनपिंग की मौजूदगी के कारण हर किसी की नजर एससीओ की शिखर बैठक पर लगी हुई है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तमाम कोशिशों के बावजूद सैन्य तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन के अड़ियल रवैये के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बरकरार है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नवंबर महीने के दौरान तीन बार वर्चुअल बैठक के दौरान आमने-सामने होंगे।
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं का तीन अलग-अलग फोरम पर आमना-सामना होगा। दोनों नेता एससीओ, ब्रिक्स और जी-20 की वर्चुअल बैठकों में आमने-सामने होंगे। एससीओ की बैठक 10 नवंबर और ब्रिक्स की बैठक 17 नवंबर को होने वाली है जबकि जी-20 की बैठक 21 और 22 नवंबर को होगी।
एससीओ बैठक में होगा पहली बार आमना-सामना
पूर्वी लद्दाख में जब से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ है तब से अभी तक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी का आमना-सामना नहीं हुआ है। सीमा विवाद के बाद पहली बार मोदी और जिनपिंग एससीओ शिखर सम्मेलन के वर्चुअल फोरम पर आमने-सामने होंगे।
शिखर सम्मेलन की मेजबानी रूस 10 नवंबर को वर्चुअल माध्यम से करेगा। मोदी और जिनपिंग की मौजूदगी के कारण हर किसी की नजर एससीओ की शिखर बैठक पर लगी हुई है। इस बैठक में इन दोनों नेताओं के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर भी होंगी निगाहें
एससीओ के शिखर सम्मेलन के बाद 17 नवंबर को 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन का फोकस वैश्विक स्थिरता के लिए ब्रिक्स भागीदारी, साझा सुरक्षा और नवीन विकास पर होगा। इस सम्मेलन का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा और इसमें भी मोदी और शी जिनपिंग दोनों शिरकत करेंगे।
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जी-20 की बैठक में भी दोनों नेताओं की मौजूदगी
उसके बाद नवंबर महीने में ही 21 व 22 तारीख को जी-20 लीडर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन की अध्यक्षता सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद करेंगे। कोरोना संकटकाल में इस सम्मेलन का आयोजन भी वर्चुअल तरीके से ही किया जाएगा।
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जी-20 दुनिया के ताकतवर देशों का संगठन है और इस संगठन की बैठक पर भी सबकी नजर टिकी हुई है। जी-20 ने चिकित्सा और टीकों तक पहुंच में मदद के लिए 21 अरब डालर से अधिक की मदद की है। इस सम्मेलन में भी मोदी और शी जिनपिंग दोनों की मौजूदगी होगी।
चीन के अड़ियल रवैये से विवाद बरकरार
सभी की निगाहें मोदी और शी जिनपिंग की मौजूदगी में होने वाली इन बैठकों पर इस कारण टिकी हुई है क्योंकि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में जबर्दस्त सैन्य विवाद चल रहा है।
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हालांकि भारत की ओर से इस विवाद को सुलझाने के लिए कहीं बाहर पहल की गई मगर चीन के अड़ियल रवैये के कारण दोनों देशों के बीच पिछले 5 महीनों से चल रहे गतिरोध का खात्मा नहीं हो सका है। गत 15 जून को गलवान में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है जिसमें दोनों देशों के तमाम सैन्य कर्मी मारे गए थे।
शीर्ष नेताओं का नहीं हुआ आमना-सामना
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री की मुलाकात हो चुकी है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की बातचीत में भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है मगर मोदी और जिनपिंग अभी तक आमने-सामने नहीं आए हैं।
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं मोदी और जिनपिंग की मुलाकात को लेकर कयासों का दौर काफी दिनों से चल रहा है मगर अभी तक दोनों नेताओं के बीच सीधी बातचीत का कोई खाका नहीं तैयार हो सका है। ऐसे में हर किसी की नजर नवंबर में होने वाले इन तीन बड़े शिखर सम्मेलनों पर टिकी है जब दोनों शीर्ष नेता वर्चुअल तरीके से आमने-सामने होंगे।
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