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चीन ने लगाए तंबू: पीछे हटने के लिए रखी ये शर्त, भारत ने जारी किया अलर्ट
भारत और चीन के बीच अब 12 अक्टूबर को सातवीं बार बातचीत की तैयारी हो रही है। हालांकि चीन अपनी मांगों को लेकर टिका हुआ है। उसने सीमा पर पीछे हटने के लिए शर्त बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव अपने चरम पर है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक बिल्कुल आमने-सामने खड़े हैं। दोनों देशों के बीच बीते छह महीने से गतिरोध जारी है, जिसे कम करने के लिए अब तक छह बार बातचीत हो चुकी है। दोनों पक्षों के बीच का ये टकराव सैन्य और राजनयिक स्तर पर हो रही बातचीत के बाद भी सुलझ नहीं रहा।
12 अक्टूबर को सातवीं बार होगी बातचीत
इस बीच भारत और चीन के बीच अब 12 अक्टूबर को सातवीं बार बातचीत की तैयारी हो रही है। हालांकि चीन अपनी मांगों को लेकर टिका हुआ है। चीन तनाव को तो कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है, बल्कि इसके विपरीत तनाव को बढ़ाने का काम कर रहा है। दरअसल, चीन सोलर और गैस हीटेड ट्रूप कंटेनर्स और स्नो टेंट लगा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन सर्दियों में भी लद्दाख में गतिरोध वाली जगहों पर चीनी सैनिक तैनात रहेंगे।
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चीनी सेना ने की सर्दियों की तैयारी (फोटो- सोशल मीडिया)
चीनी सेना ने की सर्दियों की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लद्दाख में गतिरोध वाली जगहों के हालात से परिचित सरकारी अधिकारियों ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) सर्दियों के लिए अपनी तैयारी करने में जुटी हुई है। उसकी तरफ से लगाए जा रहे कंटेनर्स में चार से छह सैनिक रह सकते हैं। इसके साथ ही अपने बीमार होने वाले सैनिकों का इलाज करने के लिए वहीं पर अस्पताल भी स्थापित किए गए हैं।
अपनी मांगों पर अड़ा चीन
भारतीय पक्ष का मानना है कि बॉर्डर पर डिसएंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत की आवश्यकता होगी। जबकि चीनी पक्ष अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। चीनी सेना के कमांडरों का कहना है कि सेना द्वारा सॉल्ट वॉटर लेक के उत्तरी तट पर स्थित फिंगर 4 एरिया से वापस चला जाएगा, लेकिन उससे पहले भारतीय सेना को पहले पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट और रेजांग ला-रेचिन ला से पीछे हटना होगा।
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भारत भी अपनी यथास्थिति पर अड़ा
चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास उत्तर तट पर भारतीय सैनिकों की यथास्थिति में बदलाव चाहता है, लेकिन भारतीय पक्ष पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर LAC की अपनी यथास्थिति पर अड़ा हुआ है। दरअसल, चीनी सेना का आरोप है कि भारतीय सेना की ओर से सीमा में उनकी यथास्थिति बदलने की कोशिश की गई है। वहीं भारत ने चीन से कहा कि ‘पहले आए, पहले जाओ’ की तर्ज पर उसके सैनिकों को एलएसी और पूर्वी लद्दाख से हटना होगा।
हाई अलर्ट पर भारतीय सेना (फोटो- सोशल मीडिाय)
भारतीय सेना अलर्ट पर
भारत का कहना है कि जैसा कि अप्रैल 2020 में हुआ था, उसी तरह चीनी सेना उत्तरी बैंक में फिंगर 4 स्पर से पहले वापस हो और फिंगर 8 में वापस जाकर यथास्थिति बहाल करे। उत्तरी और दक्षिणी बैंक में जारी गतिरोध के साथ ही गोगरा हॉट स्प्रिंग एरिया में भी दोनों सेनाएं सहमत नहीं हो पाईं हैं। वहीं माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर से बर्फबारी शुरु होने से पहले चीनी सेना यथास्थिति बदलने की कोशिश की जा सकती है, जिसे देखते हुए भारतीय सेना अलर्ट पर है। भारतीय सेना और वायुसेना भी अपनी सैन्य ताकत के साथ हाई अलर्ट पर है।
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