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उड़ेगी चीनी सेना: बड़े-बड़े टैंक होंगे निस्तेनाबूत, आ रही एयर-लॉन्च मिसाइल
चीन को हर कीमत पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत एक नई एयर-लॉन्च मिसाइल विकसित कर रहा है। ये मिसाइल 10 किमी से अधिक की स्टैंड-ऑफ दूरी से दुश्मन के टैंक को मार गिराने की क्षमता रखती है।
नई दिल्ली: चीन को हर कीमत पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत एक नई एयर-लॉन्च मिसाइल विकसित कर रहा है। ये मिसाइल 10 किमी से अधिक की स्टैंड-ऑफ दूरी से दुश्मन के टैंक को मार गिराने की क्षमता रखती है। दुश्मनों का सफाया करने के लिए अगले दो महीने में इसका परीक्षण किया जाएगा। बता दें, इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) विकसित कर रहा है। इस बारे में जानकारी बुधवार को उच्च अधिकारियों ने दी है।
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मिसाइल को भारतीय वायुसेना के लिए विकसित
बताया जा रहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में ही भारत ने स्वदेशी स्टैंड ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल (सैंट) का सफल परीक्षण किया है। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना के लिए विकसित किया है।
ऐसे में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, ये माना जा रहा है कि विकसित की जाने वाली नई एयर-लॉन्च मिसाइल को रूसी मूल के एमआई-35 हेलिकॉप्टर में जोड़ा जाएगा, जिसमें एक बेहतर स्टैंड-ऑफ रेंज से दुश्मन को नष्ट करने की क्षमता होगी।
फोटो-सोशल मीडिया
इसके साथ ही एमआई-35 पर मौजूदा रूसी मूल की शटर्म (Shturm) मिसाइल पांच किमी की रेंज में टैंकों को निशाना बना सकती है। वहीं गनशिप के अन्य हथियारों में अलग-अलग कैलिबर के रॉकेट, 500 किलोग्राम के बम, 12.7 एमएम की बंदूकें और 23 एमएम की तोप शामिल हैं। बता दें, इसे दिसंबर में पहली बार एमआई-35 हेलीकॉप्टर के गनशिप से लॉन्च किया जाएगा।
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मिसाइल का एयर-लॉन्च परीक्षण
इसी कड़ी में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया, एमआई-35 गनशिप से मिसाइल के पहले परीक्षण को लेकर तैयारी की जा रही है। अगले साल श्रृंखलाबद्ध तरीके से मिसाइल का एयर-लॉन्च परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद यह इंडक्शन (शामिल किए जाने) के लिए तैयार हो जाएगी। अधिकारी ने बताया कि प्रक्षेपण के बाद मिसाइल में लॉक-ऑन होगा और लॉन्च से पहले भी लॉक-ऑन होने की क्षमता होगी।
ऐसे में लॉक-ऑन का मतलब है लक्ष्य का पता लगाना और लक्ष्य की स्थिति में किसी भी तरह के बदलाव के बाद मिसाइल द्वारा उसे निशाना बनाना। वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 2021 के अंत तक परिचालन से पहले हेलीकॉप्टर से नई मिसाइल का आठ से 10 बार परीक्षण किए जाने की योजना है। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित मौजूदा एंटी-टैंक मिसाइलें- नाग और हेलिना की मारक क्षमता पांच किमी है। जोकि दुश्मनों को उनकी रंजिशों में कामयाब नहीं होने देगी।
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