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कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी जीत, स्विस बैंक ने दी भारत को ये जानकारी
स्विटजरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने इस साल AEOI (ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) फ्रेमवर्क के तहत भारत समेत 86 देशों को वित्तीय खातों से जुड़ी जानकारियां शेयर की थीं।
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हुआ है। अब इस मामले में मोदी सरकार को बड़ी को बड़ी जीत मिली है। नागरिकों के स्विस बैंक खातों की दूसरी सूची स्विट्जरलैंड सरकार से मिल गई है। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कालेधन की सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत यह जानकारी हासिल हुई है।
अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। स्विटजरलैंड ने कहा कि 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों के बारे में जानकारी शेयर की गई। कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में इसे बड़ी उपलब्धि कह सकते हैं।
ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फ्रेमवर्क के तहत मिली जानकारी
स्विटजरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने इस साल AEOI (ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) फ्रेमवर्क के तहत भारत समेत 86 देशों को वित्तीय खातों से जुड़ी जानकारियां शेयर की थीं।
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गौरतलब है कि इससे पहले स्विटजरलैंड ने सितंबर 2019 में भारत समेत 75 देशों के साथ जानकारी शेयर की थी। भारत को स्विस बैंक में उसके नागरिकों की जानकारी मिली थीं। स्विटजरलैंड की तरफ से कहा गया है कि 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों के बारे में जानकारी शेयर की गई है। भारत उन 86 देशों में शामिल है, स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने जिनके साथ इस साल AEOI पर वैश्विक मानकों के ढांचे के भीतर वित्तीय खातों की जानकारी का आदान-प्रदान किया है।
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एफटीए ने शुक्रवार को कहा कि भारत को AEOI (सूचना का स्वचालित विनिमय) के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण की पहली लिस्ट दी गई थी, जब इसमें 75 देश शामिल थे। इस साल सूचना के आदान-प्रदान में करीब 3.1 मिलियन (31 लाख) वित्तीय खाते शामिल थे, लेकिन व्यक्तव्य में स्पष्ट रूप से भारत का नाम शामिल नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में शामिल हैं, जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के ग्राहकों और अलग-अलग अन्य वित्तीय संस्थानों के वित्तीय खातों के बारे में विवरण साझा किया है।
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100 से अधिक भारतीयों के बारे में जानकारी
अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस साल 86 देशों के साथ स्विट्जरलैंड की तरफ से तीन मिलियन से अधिक वित्तीय खातों के बारे में जानकारी शेयर की गई है। इसमें बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों और संस्थाओं से संबंधित है। अधिकारियों ने बताया कि स्विस अधिकारियों की तरफ से बीते एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। ये मामले अधिकतर पुराने खातों से संबंधित हैं, जो 2018 से पहले हो सकता है बंद हो हो गए हों। इसके लिए स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ आपसी प्रशासनिक सहायता के एक पुराने ढांचे के तहत विवरण को शेयर किया है। क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उन खाताधारकों द्वारा कर-संबंधी गलत कामों के प्रथम दृष्टया सबूत दिए थे। AEOI सिर्फ उन्हीं खातों पर लागू होता है जो 2018 के दौरान सक्रिय या बंद थे।
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