TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

60 करोड़ वैक्सीन: एक बार में 100 लोगों का टीकाकरण, ऐसी है भारत की तैयारी

एक सेंटर में प्रतिदिन हर सत्र में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जायेगी। यदि उचित संसाधन रहेंगे तो लोगों की संख्या 200 तक की जा सकती है।

Shivani
Published on: 13 Dec 2020 10:35 PM IST (Updated on: 11 Aug 2021 3:48 PM IST)
60 करोड़ वैक्सीन: एक बार में 100 लोगों का टीकाकरण, ऐसी है भारत की तैयारी
X

नीलमणि लाल

लखनऊ। भारत में कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी हो गयी है। आने वाले दिनों में तीन तरह की वैक्सीनों की संभावित उपलब्धता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को 'स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर' भेज दिए हैं, जिनमें साफ़ साफ़ बताया गया है कि टीकाकरण किस तरह किया जाएगा।

एक सेंटर में रोजाना 100 लोगों को लगेगी वैक्सीन

दिशा निर्देशों में बताया गया है कि एक सेंटर में प्रतिदिन हर सत्र में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जायेगी। यदि उचित संसाधन रहेंगे तो लोगों की संख्या 200 तक की जा सकती है। यदि किसी स्थिति में एक सत्र में 200 से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगनी है तो पांच लोगों की वैक्सीनेशन टीम को अलग से तैनात किया जाएगा। जिनमें एक वैक्सीनेटर ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर शामिल होंगे।

ये भी पढ़ेंः भारत में वैक्सीन जनवरी से, अब कोरोना का अंत तय, इन्होंने किया एलान

भारत में वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी अबतक नहीं

भारत में अभी तक किसी भी वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, तीन संभावित वैक्सीन मंजूरी के लिए विचाराधीन हैं। इनमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड, फाइजर-बायोएनटेक की BNT162b2 और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन शामिल हैं।

modi-vaccine

160 करोड़ वैक्सीन की खुराकों का ऑर्डर दे चुका भारत

भारत ने पहले ही 160 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दे दिया है। इसके अलावा भारत कोविशिल्ड की भी कई करोड़ खुराकें लेगा, जिनका निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। वैक्सीन को हरी झंडी दिखाने वाली नियामक संस्था ने सीरम इंस्टिट्यूट से कोविशील्ड के ट्रायल से जुड़े अधिक आंकड़ों की मांग की है।

ये भी पढ़ेंः वैक्सीन लगने के बाद भी खतरा! पहनना पड़ेगा मास्क, इसलिए करना होगा ऐसा

चरणबद्ध प्लानिंग

कोरोना वैक्सीन सबसे पहले 1 करोड़ हेल्थ केयर वर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोगों को दी जाएगी। इसके बाद 50 वर्ष से कम उम्र के 1 करोड़ उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी जो किसी पुराने गंभीर रोग से ग्रस्त हैं। इसके बाद बाकी आबादी को वैक्सीन इस बीमारी के फैलाव और उपलब्धता के आधार पर दी जाएगी। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में तैयार की गई वोटर लिस्ट के आधार पर 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की पहचान की जाएगी।

corona vaccine

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए ट्रैकिंग

को-विन नाम के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लाभार्थियों को ट्रैक किया जाएगा। इस प्लेटफार्म पर सभी जानकारी रियल टाइम में अपडेट की जाएंगी। वैक्सीनशन साइट पर केवल उन्हीं लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा जो प्राथमिकता के आधार पर पहले ही रजिस्टर्ड हो चुके हैं।

ये भी पढ़ेंः फाइजर की वैक्सीन के ये हो सकते हैं साइड इफ़ेक्ट, जान लीजिए जरूरी बातें

ऐसा नहीं होगा कि कोई व्यक्ति तुरंत वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन कराए और टीका लगवा ले। राज्यों को कहा गया है कि वह सत्रों के हिसाब से वैक्सीनेशन की प्लानिंग करें। एक सत्र में 100 लाभार्थियों को ही टीका लगाएं और वैक्सीनेशन प्रक्रिया चुनाव प्रक्रिया की तरह ही चलाई जाए।

एक वैक्सीनेशन टीम में 5 सदस्य होंगे

एक वैक्सीनेशन टीम में एक वैक्सीनेटर ऑफिसर होगा जो डॉक्टर, नर्स या फार्मासिस्ट होगा।

इसके अलावा एक वैक्सीनेशन ऑफिसर पुलिस, होमगार्ड या सिविल डिफेंस का व्यक्ति होगा जो लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति देखेगा। एक अन्य वैक्सीनेशन ऑफिसर दस्तावेज की जांच को प्रमाणित करेगा। दो अन्य वैक्सीनेशन ऑफिसर सपोर्ट स्टाफ होंगे जो भीड़ आदि का प्रबंधन करेंगे।

corona vaccine

टीका लगने के बाद होने वाली प्रतिकूल घटनाओं का लगाएंगे पता

कोरोना वैक्सीन अभियान के दौरान वैक्सीन और टीकाकरण कार्यक्रम में भरोसा बना रहे इसलिए राज्यों को कहा गया है कि वो जल्द से जल्द 'एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन' यानी टीका लगने के बाद होने वाली प्रतिकूल घटनाओं का पता लगाएं और उस पर कार्रवाई करें। क्योंकि वैक्सीन नई है और कम समय में बहुत से लोगों को वैक्सीन देनी है इसलिए ऐसा करना अहम होगा।

ये भी पढ़ेंः कोरोना: 24 घंटे में 3000 लोगों ने तोड़ा दम, फाइजर वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत

केंद्र सरकार के 23 अलग-अलग मंत्रालय मिलकर वैक्सीन के काम में लगे हुए हैं। टीकाकरण कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। जिनको टीका लगाया जाना निश्चित किया गया है उनको अलग अलग समय पर बुलाया जाएगा जिससे की भीड़ भाड़ ना हो।

corona-vaccine-doctors

जहाँ वैक्सीन लगाई जायेगी उस जगह का भी एक निश्चित प्रोफ्रामा दिया गया है। एक साइट में तीन कमरे होने चाहिए जिनमें वेटिंग रूम, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जर्वेशन रूम होगा। टीकाकरण कक्ष में एक बार में एक ही व्यक्ति को प्रवेश दिया जाएगा।

वैक्सीनेशन के बाद ऑब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट करना होगा इंतजार

टीका लगवाने के बाद लाभार्थी को ऑब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट इंतजार करना होगा। इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा रखने के निर्देश दिए गए हैं। टीका लगने के बाद 30 मिनट का इंतजार इसलिए करना जरूरी है ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा। इस दौरान यदि किसी के गंभीर साइड इफेक्ट आते हैं तो उसे समर्पित अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

ये भी पढ़ेंःजेपी नड्डा कोरोना की चपेट में: स्वास्थ्य पर आई बड़ी खबर, भाजपा की बढ़ी चिंता

जनवरी से वैक्सीन लगने की उम्मीद

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख आदर पूनावाला का कहना है कि अगले महीने से भारत में लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन देनी शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक उनकी कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी। पूनावाला ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अक्टूबर तक हर भारतीय को वैक्सीन दे दी जाएगी और जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार 20 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन मिलने के बाद भरोसा वापस आ जाएगा। अगले साल सितंबर-अक्टूबर तक भारत में हर व्यक्ति को देने के लिए पर्याप्त वैक्सीन होगी और जवजीवन सामान्य हो सकेगा।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani

Shivani

Next Story