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चीन कांपा भारत से: मोदी लेने जा रहे ये बड़ा फैसला, लगेगा इसे तगड़ा झटका

चीन के होश उड़ाने के लिए भारत अपने मित्र देश फिलीपींस को आधुनिक वैज्ञानिक कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम(Coastal Surveillance Radar System) देना चाहता है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिलिपींस के टेयोडोरो लॉकसिन जूनियर ने वर्चुअल मीटिंग करके बातचीत की।

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Published on: 9 Nov 2020 7:17 PM IST
चीन कांपा भारत से: मोदी लेने जा रहे ये बड़ा फैसला, लगेगा इसे तगड़ा झटका
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चीन की ओझी हरकतों को देखते हुए, उन पर नजर रखने के लिए भारत लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। इन्ही तैयारियों के बीच भारत एक छोटे से देश को ऐसा सिस्टम दे रहा है

नई दिल्ली: चीन की ओझी हरकतों को देखते हुए, उन पर नजर रखने के लिए भारत लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। इन्ही तैयारियों के बीच भारत एक छोटे से देश को ऐसा सिस्टम दे रहा है, जिसके बारे में सुनकर चीन के होश ही उड़ जाएंगे। भारत से अच्छे संबंध वाले इस मित्र देश को नए वैज्ञानिक सिस्टम से ये पता चलेगा कि चीन उसके समुद्री क्षेत्र के आस-पास के इलाके में क्या कर रहा है। इसके साथ ही चीन के जहाज किस दिशा में जा रहे हैं। बीते कई दिनों से चीन के नापाक हरकतों को देखते हुए मोदी सरकार ये फैसला लेने जा रही है। चलिए बताते हैं कि आखिर भारत और मित्र देश के बीच कौन सा समझौता हुआ है।

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दोनों देशों के बीच सैन्य ट्रेनिंग

चीन के होश उड़ाने के लिए भारत अपने मित्र देश फिलीपींस को आधुनिक वैज्ञानिक कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम(Coastal Surveillance Radar System) देना चाहता है। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिलिपींस के टेयोडोरो लॉकसिन जूनियर ने वर्चुअल मीटिंग करके बातचीत की। वहीं दोनों देशों के बीच पांच साल पहले इस स्थाई कमीशन की बैठक हुई थी।

ऐसे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और फिलिपींस की सरकार रणनीतिक, रक्षा और मैरीटाइम सहयोग के लिए एकसाथ आई हैं। इसके लिए दोनों देशों के बीच सैन्य ट्रेनिंग, शिक्षा, क्षमता विकास किया जाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के प्रतिनिधि की बैठकें होती रहेंगी। इसके साथ आतंकविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

coastal surveillance radar system1 फोटो-सोशल मीडिया

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तेल खुदाई का प्रतिबंध हटा

coastal surveillance radar system फोटो-सोशल मीडिया

साथ ही दोनों देशों के बीच जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा, जिससे दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा को पुख्ता कर सकें। बता दें कि अक्टूबर में फिलिपींस के राष्ट्रपति रॉडिग्रो दुतेर्ते सरकार ने साउथ चाइना सी से तेल खुदाई के प्रतिबंध को हटा लिया था। लेकिन अब फिलिपींस चीन की कंपनियों के साथ तेल खनन का कार्य कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्पोरेशन भी शामिल हैं।

दरअसल फिलिपींस ने ये प्रतिबंध 6 साल बाद हटाया है। इसके लिए चीन और फिलिपींस की सरकारों के बीच समझौता भी हुआ है। फिलिपींस समझता है कि इस समझौते से चीन को कोई दिक्कत नहीं होगी।

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इस पर चीन का मानना है कि साउथ चाइना सी एक विवादित इलाका है। इस पर उसका अधिकार है। हालाकिं अब देखना ये है कि जो समझौता दोनों देशों के बीच हुआ है। उसके मुताबिक, चीन फिलिपींस को कितना काम करने देता है।

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