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भारत ने बनाई अनोखी सड़क, यहां से किया हमला तो चीन में लग जाएंगे लाशों के ढेर
माणा दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊ श्रेणी में स्थित है। इस दर्रे से मानसरोवर तथा कैलाश की घाटी जाने का मुख्य मार्ग है। ये सड़क माणा दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊ में है। इस दर्रे से मानसरोवर तथा कैलाश की घाटी जाने का मुख्य मार्ग है।
कहते हैं कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। ये कहावत भारत के उपर बिल्कुल फिट बैठती है। भारत को जब जिस तरह की आवश्यकता पड़ती है। उसके हिसाब से उसे पूरा में जुट जाता है।
इसी कड़ी में भारत ने एक ऐसी सड़क बनाई है जिसे दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड कहा जा रहा है। कहने का मतलब ये है कि यह दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है जहां पर आप अपनी गाड़ी लेकर पहुंच सकते हैं।
जो चीज इस इस सड़क खास बनाती है वो ये है कि भारत इस जगह से चीन की हर हरकतों पर नजर बनाये सकता है। इतना ही नहीं इस सड़क की मदद से बॉर्डर पर तैनात हमारे जवानों को राशन पानी और दूसरे जरूरी सामान कम समय के अंदर पहुंचाए जा सकेंगे। तो आइए हम आपको बताते हैं इस सड़क की विशेषताओं और इसके लोकेशन के बारे में।
माणा पास रोड की फोटो(सोशल मीडिया)
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इस सड़क को माणा पास रोड के नाम से जाना जाता है
दरअसल इस सड़क को माणा पास रोड के नाम से जाना जाता है। ये सड़क उत्तरखांड के चमोली-गढ़वाल जिले में चीन बॉर्डर के करीब 18,192 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। इस दर्रे से ही मानसरोवर और कैलाश पर्वत जाने का मुख्य रास्ता भी है।
इस रोड के बन जाने से चीन सीमा की तरफ भारत अब ताकतवर स्थिति में आ गया है। जानकार बताते हैं कि यहां पर सड़क बनना बेहद ही मुश्किल था लेकिन बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने इसे मुमकिन कर दिखाया।
पहले हेलीकॉप्टर से भारी रॉक कटिंग मशीनें और अन्य उपरकरणों को ऊपर दर्रे में पहुंचाया गया। इसके बाद वहां से सड़क बनाते हुए नीचे 64 किमी दूर माणा गांव तक पहुंचाया गया।
ये रोड दुनिया की इकलौती सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क है जिसका निर्माण ऊपर से नीचे की तरफ किया गया है। अमूमन पहाड़ों पर सड़क का निर्माण नीचे से ऊपर की ओर किया जाता है।
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माणा पास रोड की फोटो(सोशल मीडिया)
यहां से मानसरोवर तथा कैलाश की घाटी का रास्ता
माणा दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊ श्रेणी में स्थित है। इस दर्रे से मानसरोवर तथा कैलाश की घाटी जाने का मुख्य मार्ग है।
ये सड़क माणा दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊ में है। इस दर्रे से मानसरोवर तथा कैलाश की घाटी जाने का मुख्य मार्ग है।
माणा दर्रा NH-58 का अंतिम छोर है। इसे माना ला, चिरबितया अथवा डुंगरी ला के नाम से भी जाना जाता है। माणा दर्रा समुद्रतल से लगभग 5,545 मीटर तथा 18,192 फुट की ऊंचाई पर बना है। यह उत्तराखंड के प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के निकट स्थित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने पिता दक्ष के यहां यज्ञ के अवसर पर महादेव का अपमान देखकर पार्वती ने कुमाऊं के इसी स्थान में ही अग्निप्रवेश किया था। कहा जाता हैं कि पांडव यहां से स्वर्ग की ओर गए थे।
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