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भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव, लद्दाख में भिड़े सैनिक
भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर आमने-सामने आ गए। यह घटना बुधवार की है। लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई। बता दें कि यहां एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर आमने-सामने आ गए। यह घटना बुधवार की है। लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई। बता दें कि यहां एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है यह घटना उस समय हुई जब सीमा पर भारतीय सेना पेट्रोलिंग कर रही थी। पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सैनिकों और चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों का आमना सामना हुआ।
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चीनी सैनिकों ने इलाके में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध किया। इसके बाद दोनों तरफ से सैनिकों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। बुधवार देर शाम तक दोनों पक्षों के बीच ये संघर्ष जारी था। दोनों पक्षों की तरफ से इलाके में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है।
इस मामले पर भारतीय सेना ने कहा कि पैंगोंग झील के उत्तरी छोर पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। डेलिगेशन स्तरीय वार्ता के बाद मामला शांत हो गया।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)पर दोनों पक्षों के बीच ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। गौरतलब है कि अगस्त 2017 में भी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसका वीडियो वायरल हो गया था। इस दौरान पत्थरों और लोहे के रॉड्स का भी एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।
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अधिकारियों ने कहा कि तनाव को कम करने के लिए स्थापित द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत दोनों पक्ष ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत को सहमत हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक 'लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) की स्थिति को लेकर दोनों पक्षों की भिन्न मान्यताओं की वजह से इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं। इनका बॉर्डर पर्सनल मीटिंग या फ्लैग मीटिंग आदि से समाधान कर लिया जाता है।'