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भारत ने दी चीन को चेतावनी, LAC पर अपनी हरकतों से बाज आए, नहीं तो...
पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद चीन लगातार गलवान घाटी पर दावा ठोंक रहा है। अब भारत ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी हरकतों के नतीजे दोनों के बीच संबंधों पर दिखाई देंगे।
पेइचिंग: पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद चीन लगातार गलवान घाटी पर दावा ठोंक रहा है। अब भारत ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी हरकतों के नतीजे दोनों के बीच संबंधों पर दिखाई देंगे।
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने साफ शब्दों में कहा है कि चीन एलएसी पर नए ढांचे का निर्माण बंद करे, तभी दोनों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है। बता दें भारत में चीन के राजदूत ने कहा था कि शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी भारत पर है।
'गलवान घाटी पर दावे का फायदा नहीं'
मिस्री ने शुक्रवार को कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मिलिट्री स्टैंडऑफ को सुलझाने का सिर्फ एक तरीका है कि चीन नए ढांचे खड़े करना बंद कर दे। उन्होंने कहा कि चीन के गलवान घाटी पर दावे का समर्थन बिलकुल नहीं किया जा सकता। यह बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
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उन्होंने कहा कि चीन की यथास्थिति को बदलने की कोशिश के नतीजे जमीन पर दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर दिखाई पड़ेंगे। मिस्री ने यह भी कहा है कि बाकी के द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति स्थापित करना बेहद जरूरी है।
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सीमा पर पीछे हटता नहीं रहा चीन
दरअसल, 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देश के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन की 43 सैनिक मारे गए थे। इस बाद दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी और दोनों सेनाएं पीछे हटने पर सहमत हुई थीं। लेकिन लगातार सामने आ रहीं सैटलाइट तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि चीन की सेना पीछे हटना तो दूर, अलग-अलग इलाकों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। पैन्गॉन्ग झील के किनारे, कोंगका और हॉटस्प्रिंग्स के क्षेत्र में और यहां तक कि जिस जगह 15 जून की झड़प हुई थी, वहां भी उसके नए ढांचे दिख रहे हैं।
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भारत पर शांति की जिम्मेदारी: चीनी राजदूत
यही नहीं, भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग ने भारतीय सेना पर उलटा आरोप लगाया और कहा कि भारतीय सेना ने एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पार की थी और चीन के बॉर्डर की रखवाली करने वाले दस्ते पर हमला बोला था। वेइडोंग ने यह तक कहा कि भारतीय सेना ने ही दोनों देशों के बीच तय अग्रीमेंट को तोड़ा है। हम भारत से अपील करते हैं कि वह इसकी जांच कराए।