नौसेना की बढ़ेगी ताकत: मिल सकता है तीसरा विमानवाहक, दुश्मनों की खैर नहीं

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर एक तीसरे विमानवाहक पोत की आवश्यकता है। इसकी जानकारी पीएम मोदी को दे दी गई है।

Shreya
Published on: 5 Dec 2020 10:02 AM GMT
नौसेना की बढ़ेगी ताकत: मिल सकता है तीसरा विमानवाहक, दुश्मनों की खैर नहीं
X
नौसेना को तीसरे विमानवाहक की जरूरत, पीएम को किया गया सूचित

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तकरीबन सात महीने से तनाव जारी है। गतिरोध को कम करने के लिए हुआ वार्ताओं के बाद भी दोनों पक्षों में कोई हल नहीं निकल सका है। जिसके बाद माना जा रहा है कि सर्दियों में भी दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं। वहीं तनाव की स्थिति को देखते हुए सरकार लगातार सेनाओं की शक्तियों में इजाफा कर रही है। इस बीच अब भारत को सुरक्षा स्थिति को देखते हुए एक तीसरे विमानवाहक पोत की जरूरत है।

तीसरे विमानवाहक पोत की आवश्यकता

इस बारे में बताते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा है एशिया में वर्तमान सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर एक तीसरे विमानवाहक पोत की आवश्यकता है। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को सूचित कर दिया गया है। बता दें कि कैबिनेट मंजूरी समेत तमाम प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद एक विमानवाहक पोत को बनने में करीब 18 साल का लंबा वक्त लग जाता है। ऐसा INS विक्रांत मामले में देखा जा चुका है।

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में भयानक हादसा: टक्कर के बाद ट्राले में लगी आग, जिंदा जला ड्राइवर

navy of india (फोटो- सोशल मीडिया)

सामरिक शक्ति का भी करना होगा प्रदर्शन

वहीं दूसरी ओर अब चीन छठे विमानवाहक पोत को समुद्र में उतारने की तैयारी में है। ऐसे में अब भारतीय विमानवाहक पोत को लेकर कोई कदम उठाना आवश्यक हो चला है। बता दें कि नौसेना दिवस (Naval Day) के मौके पर नौसेना प्रमुख ने कहा था कि भारत अगर पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहता है तो इसे खुद की सुरक्षा करने के साथ-साथ अपनी सामरिक शक्ति का भी प्रदर्शन करना होगा।

यह भी पढ़ें: नए संसद भवन की नींव रखेंगे PM मोदी: इस दिन है भूमिपूजन, जानिए इसकी खासियत

क्या नौसेना को मिलेगा विमानवाहक

भारतीय नौसेना का मानना है कि समुद्र में भी उसकी मौजूदगी लंबी दूरी तक होनी चाहिए। शक्ति प्रदर्शन को लेकर उसे सिर्फ भारतीय प्रायद्वीप तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। नौसेना INS विक्रमादित्य में स्काई जंग एसटीओबीएआर के विपरीत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम के साथ 65 हजार टन का विमानवाहक चाहती है। हालांकि माना जा रहा है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार अभी सरकार दस बिलियन डॉलर यानी भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 70 हजार करोड़ रुपये के विमानवाहन पोत को मंजूरी नहींं दे पाएगी।

यह भी पढ़ें: सरकारी नौकरी के लिए नया नियम: सरकार ने रखी ये अनोखी शर्त, इस दिन से होगा लागू

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story