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भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला: बंद होगी ये 500 ट्रेनें, हजारों स्टॉपेज होंगे खत्म

भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक रेलवे ट्रेनों की टाइमिंग में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए रेलवे की तरफ से जीरो बेस्ड टाइम टेबल तैयार किया गया है।

Newstrack
Published on: 4 Sep 2020 2:55 PM GMT
भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला: बंद होगी ये 500 ट्रेनें, हजारों स्टॉपेज होंगे खत्म
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भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक रेलवे ट्रेनों की टाइमिंग में बदलाव करने जा रहा है। इसके साथ ही 10 हजार स्टाॅपेज खत्म करेगा।

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक रेलवे ट्रेनों की टाइमिंग में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए रेलवे की तरफ से जीरो बेस्ड टाइम टेबल तैयार किया गया है। यह नया टाइम टेबल सामान्य ट्रेनों के शुरू होने के बाद लागू किया जाएगा, लेकिन कोरोना के कारण फिलहाल स्पेशल ट्रेनें ही चलेंगी।

बता दें कि भारतीय रेलवे ने नेताओं की मांग पर ट्रेनों के स्टाॅपेज बढ़ाए हैं। कई ट्रेनों के सुपरफास्ट होने के बावजूद उनके स्टाॅपेज बढ़ा दिए गए, लेकिन राजनीतिक विरोध होने के डर के कारण जिन ट्रेनों की मांग नहीं हैं वो भी चल रही हैं। इन ट्रेनों की आधी सीटें खाली होती हैं। अब भारतीय रेलवे ने फैसला लिया है कि उन्हें चिन्हित कर बंद करेगा।

रेलवे नए टाइम टेबल में इस बात का ध्यान रखेगा बंद की गई ट्रेनों के कारण यात्रियों पर असर न पड़े। यात्रियों के लिए उन ट्रेनों के स्थान पर दूसरी ट्रेनों का विकल्प देगा।

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इन स्टॉपेज को बंद करेगा रेलवे

भारतीय रेलवे ने 10,000 स्टॉपेज को बंद करने का फैसला लिया है। यह स्टॉपेज धीरे चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के हैं। फैसले के मुताबिक पैसेंजर ट्रेनों में किसी हॉल्ट स्टेशन पर कम से कम 50 यात्री चढ़ते या उतरते हों, उसे खत्म नहीं किया जाएगा, हालांकि जहां 50 से भी कम यात्री चढ़ने उतरने वाले यात्री होंगे नए टाइम टेबल में उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा।

Indian Railway

ट्रेनों की स्पीड में होगी बढ़ोत्तरी

रेलवे के इन फैसलों के बाद कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी। योजना के अनुसाप, नए टाइम टेबल में कुछ मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट ट्रेन का दर्ज़ा मिलेगा। सुपरफास्ट ट्रेनें और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में फर्क होता है।

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वैसे तो रेलवे हर साल जुलाई में नया टाइम टेबल लागू करता है। इस साल कोरोना संकट की वजह से यह लागू नहीं हो पाया। हर साल रेलवे की तरफ से कई नई ट्रेन शुरू की जाती हैं, जिनको वह अगले साल नए टाइम टेबल में शामिल करता है। इसीलिए हर साल नया टाइमटेबल लागू किया जाता है। लेकिन नए टाइम टेबल में ज्यादा अंतर नहीं होता है। ट्रेनों के समय में 5 मिनट से अधिकतम 15 मिनट तक बदलाव किया जाता है।

रेलवे ने किए बड़े सुधार

कोरोना वायरस के कारण देश में सिर्फ 230 स्पेशल ट्रेने चलाई जा रही है। इसलिए इस समय नए टाइम टेबल को लागू करना रेलने के लिए काफी आसान है। अभी अधिकतर रेलवे ट्रैक खाली पड़े हैं। जिसका फायदा रेलवे ने उठाकर कई सुधार किए हैं। यही वजह है कि अब ट्रेन की स्पीड को बढ़ाया जा सकता है।

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किसे कहते हैं जीरो बेस्ड टाइम टेबल

रेलवे जब टाइम टेबल तैयार करता है तो उस समय ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं होती है उसे जीरो बेस्ट टाइम टेबल कहते हैं। मतलब हर ट्रेन को नई ट्रेन की तरह समय दिया जाता है। इस तरह रेलवे एक-एक कर सभी ट्रेनों के चलने का समय निर्धारित करता है।

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