×

लाॅकडाउन: रेलवे कर रहा है ये बड़ी तैयारी, 13 लाख कर्मचारियों को लगेगा तगड़ा झटका

कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लॉकडाउन किया है जिसकी वजह से रेलवे को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। अब इस घाटे से निपटाने के लिए रेल मंत्रालय 13 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते में कटौती की योजना तैयार कर रहा है।

Dharmendra kumar
Published on: 19 April 2020 11:30 AM IST
लाॅकडाउन: रेलवे कर रहा है ये बड़ी तैयारी, 13 लाख कर्मचारियों को लगेगा तगड़ा झटका
X

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लॉकडाउन किया है जिसकी वजह से रेलवे को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। अब इस घाटे से निपटाने के लिए रेल मंत्रालय 13 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते में कटौती की योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता समेत ओवरटाइम ड्यूटी के भत्तों को खत्म किया जा सकता है।

इसके अलावा, ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएग। लॉकडाउन की वजह से भारतीय रेलवे पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ओवरटाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50 फीसदी कटौती की जा सकती है।

यह भी पढ़ें...कोरोना इफेक्ट: सीबीएसई कर रहा कुछ ऐसा काम, टीचर-छात्र दोनों खुश

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्रालय ने मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर और गार्ड को 500 किलोमीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50 फीसदी कटौती का सुझाव दिया है। इसके साथ ही, रेल कर्मचारियों की सैलरी में छह महीने 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती की सिफारिश की है।

यह भी पढ़ें...कोरोना वायरस की वैक्सीन भी नहीं आएगी काम, अगर हुआ ऐसा…

इसके अलावा मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ते में एक साल तक 50 फीसदी कटौती की जा सकती है। वहीं, अगर कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है, तो ट्रांसपोर्ट भत्ता 100 फीसदी कटा जा सकता है। बच्चों की पढ़ाई के लिए भत्ते के लिए 28,000 रुपये मिलते हैं, जिसकी समीक्षा अभी की जानी है।

यह भी पढ़ें...ये राज्य था देश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट, अब नहीं आ रहे एक भी मामले

कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारतीय रेलवे भी अन्य मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके लिए कई रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए 5,000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है। अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बताया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के बाद ग्रामीण इलाकों में इन्हें सेवा में लगाया जाएगा।

मंत्रालय के मुताबिक महामारी का मुकाबला करने के लिए 20,000 कोचों को परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 80,000 बेड वाले 5,000 कोच तैनात किए जाने के लिए तैयार हैं।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story