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परिवार से दूर डॉक्टर निभाता रहा फर्ज, 15 महीने बेटी की हुई मौत, लेकिन फिर भी..

पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में कोरोना की इस लड़ाई में डॉक्टर्स एक महत्वपूर्व भूमिका निभा रहे हैं। डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा रहे हैं।

Shreya
Published on: 30 April 2020 9:55 AM IST
परिवार से दूर डॉक्टर निभाता रहा फर्ज, 15 महीने बेटी की हुई मौत, लेकिन फिर भी..
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परिवार से दूर डॉक्टर निभाता रहा फर्ज, 15 महीने बेटी की हुई मौत, लेकिन फिर भी..

इंदौर: पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में कोरोना की इस लड़ाई में डॉक्टर्स एक महत्वपूर्व भूमिका निभा रहे हैं। डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा रहे हैं। लेकिन ऐसे में उन्हें अपने फर्ज के आगे अपने परिवार से भी दूरी बनानी पड़ रही है।

डॉक्टर की 15 महीने की बेटी की मौत

इस बीच इंदौर से एक मामला सामने आया है, जहां परिवार से दूर लोगों की जान बचाने में लगे एक डॉक्टर की 15 महीने की बेटी की मौत हो गई है। लेकिन अपनी बच्ची की मौत के बावजूद भी डॉक्टर ने अपने फर्ज को चुना और मौके पर अपनी ड्यूटी पर डटे रहे।

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इमरजेंसी कंडिशन में एक हफ्ते पहले ही गए थे इंदौर

दरअसल, होशंगाबाद के सांडिया में पदस्थ डॉक्टर देवेंद्र मेहरा को इमरजेंसी कंडिशन में एक हफ्ते पहले ही इंदौर भेजा गया था। उनके लिए इंदौर जाना आसान नहीं था, क्योंकि वो एक पिता और डॉक्टर होने के नाते अपनी 15 महीने की बेटी की ख्याल बखूबी रखते थे। लेकिन फिर कोरोना के कहर को देखते हुए उन्होंने इंदौर जाना उचित समझा और वो अपनी ड्यूटी निभाने इंदौर के लिए चले गए।

मां के लिए अकल्पनीय रहा बेटी की मौत का सदमा

लेकिन डॉक्टर देवेंद्र मेहरा के जाने के बाद ही उनकी बेटी की मौत हो गई। बेटी की मौत के सदमे को सहन कर पाना बच्ची की मां प्रियंका के लिए आसान नहीं था। और तब जब उनके पति भी उन्हें संभालने के लिए घर पर ना हों।

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डॉक्टर ने कहा- इंदौर को मेरी जरुरत है

वहीं बेटी की मौत की खबर के बाद भी डॉक्टर मेहरा मरीजों की देखभाल में लगे रहे। लेकिन मरीजों के देखने के बाद उनके सब्र का बांध टूटने लगा। उसके बावजूद भी उन्होंने इंदौर को ऐसे हालात में छोड़ कर आना उचित नहीं समझा। उन्होंने इंदौर के प्रशासनिक अधिकारियों से केवल इतना बोला कि मेरी बेटी तो चली गई लेकिन अभी इंदौर को मेरी जरुरत है।

अफसरों ने डॉक्टर को भिजवाया घर

लेकिन डॉक्टर मेहरा के कहने के बाद भी अधिकारियों ने उनके दर्द को समझा और उन्हें इंदौर से होशंगाबाद भिजवाने का इंतजाम किया। होशंगाबाद पहुंचे डॉक्टर मेहरा ने बताया कि आप समझ सकते हैं कि हम किस वक्त से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटी की मौत और कोरोना को लेकर देश के हालात दोनों ही दर्दनाक हैं।

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