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औद्योगिक नगरी में फिर चलेंगी मशीनें, पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था

कोविड-19 को देखते हुए 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। गौतम बुद्ध नगर को रेड जोन में शामिल किया गया है। जिला प्रशासन ने यहां 36 कन्टेंटमेंट...

Ashiki
Published on: 4 May 2020 6:01 PM GMT
औद्योगिक नगरी में फिर चलेंगी मशीनें, पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था
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नोएडा: कोविड-19 को देखते हुए 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। गौतम बुद्ध नगर को रेड जोन में शामिल किया गया है। जिला प्रशासन ने यहां 36 कन्टेंटमेंट जोन बनाए हैं। इन जोन के बाहर औद्योगिक इकाईयां खुलें और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में औद्योगिक इकाईयों के लिए संचालन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। यह अनुमति ipassgbn.azurewebsite.net पर आवेदन कर प्राप्त की जा सकती है।

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जिले में नॉन कन्टेंमेंट जोन में एसईजेड (स्पेशल इकोनॉमिक जोन), निर्यात इकाईयां, इंडस्ट्रियल, इंडस्ट्रियल टाउनशिप, आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन की इकाईयां, उनकी सप्लाई चेन , आईटी हर्डवेयर की दुकान जूट उद्योग व पैकेजिंग मैटेरियर संबंधित इकाईयों को ही अनुमति दी जाएगी।

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औद्योगिक इकाईयों के चलाने के लिए ऐसे मिलेगी अनुमति

औद्योगिक इकाईयों के संचालन के लिए उद्यमियों को दिए गए लिंक पर अपना डाटा भरना होगा। इसमें आवश्यक कर्मियों की सूची, उनकी आधार संख्या व ईएसआईसी पंजीकरण संख्या देनी होगी। आवेदक की फोटो व एड्रेस प्रूफ, प्राधिकरण की ओर जारी कार्यशीलता प्रमाणपत्र, पीपीई किट बनाने वाली इकाईयों को सिट्रा व डीआरडीए, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री कानपुर अथवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर से निर्गत गुणवत्ता प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

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आवेदन की समीक्षा संबंधित तहसील के उपजिला मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी। उनकी संतुति पर प्राधिकरण के विशेष कार्यधिकारी औद्योगिक द्वारा ही अनुमति दी जाएगी। 24 घंटे के अंदर आवेदन स्वीकार व अस्वीकार किया जाएगा। यही नहीं, यदि अनुमति मिलने के बाद उस क्षेत्र में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता है तो अनुमति स्वता ही समाप्त हो जाएगा।

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औद्योगिक इकाईयों के खुलने के बाद ऐसी होना चाहिए व्यवस्था

औद्योगिक इकाईयों के संचालन के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का अनुपालन करना होगा। इसके तहत परिसर के सभी क्षेत्रों को सेनेटाइज करना होगा। रेड जोन व आरेंज जोन में 50 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों में बाहर से आने वाले कर्मियों / श्रमिकों के लिए विशेष परिवहन की व्यवस्था की जाए।

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इन वाहनों में भी सिर्फ 50 प्रतिशत लोग ही बैठें। परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को सेनेटाइज किया जाए। कार्यस्थल पर प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए थर्मल स्कैनिंग की जाए। कर्मियों व श्रमिकों का चिकित्सीय बीमा, स्पर्श मुक्त हाथ धोने की व्यवस्था बनाई जाए। कार्यस्थलों में दो पालियों के बीच एक घंटे का अंतर होगा। कार्यस्थल पर होने वाली मीटिंग में एक व्यक्ति दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठे। दो या चार से अधिक लोग एक बार में लिफ्ट का प्रयोग कर सकेंगे। कार्यस्थल पर गैर आवश्यक आंगतुकों पर संपूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

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कर्मचारियों का रैंडम के आधार पर करानी होगी जांच

50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को संचालन से पूर्व अधिकतम 25 कमियों की सीमा के अधीन अपने कुल कर्मचारियों के रैंडम आधार पर कम से कम 5 प्रतिशत कर्मियों का आरटी-पीसीआर विधि से जांच करानी होगी। उसके बाद प्रत्येक 15 दिनों पर 5 प्रतिशत अथवा अधिकतम 10 कर्मियों की रैंडम आधार पर जांच करानी होगी। ऐसे यह तय किया जाएगा कि वहां काम करने वाले सभी लोग संक्रमण मुक्त हैं। सभी प्रकार की इंडस्ट्री फैक्ट्री मालिक व श्रमिकों की आपसी सहमति से कार्य के घंटे बढ़ाए जा सकते हैं। यह व्यवस्था आगामी तीन माह तक लागू रहेगी।

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रिपोर्ट: दीपांकर जैन

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