TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बिजनेसमैन रतन टाटा ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए इनको ठहराया जिम्मेदार

रतन टाटा को इस बात का मलाल है कि वह एक आर्किटेक्ट (Architect) के तौर पर अपने काम को लंबे समय तक जारी नहीं रख पाए। टाटा ने कहा कि मैं हमेशा से आर्किटेक्ट बनना चाहता था।

Shreya
Published on: 21 April 2020 2:56 PM IST
बिजनेसमैन रतन टाटा ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए इनको ठहराया जिम्मेदार
X
बिजनेसमैन रतन टाटा ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए इनको ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली: देश के जाने-माने बिजनेसमैन रतन टाटा ने शहरों में डेवलपरों (developers) और आर्किटेक्ट्स (Architects) के मौजूद झुग्गी-झोपड़ियों को अवशेष की तरह इस्तेमाल करने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। साथ ही उन्होंने इन झुग्गी झोपड़ी कॉलोनियों को तेजी से कोरोना के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह बताई है।

हाउसिंग नीतियों पर खड़े किए सवाल

उन्होंने कहा कि बिल्डरों और आर्किटेक्टर्स ने एक तरह से वर्टिकल स्लम तैयार कर दिए हैं, जहां पर न तो साफ हवा है, न साफ-सफाई की व्यवस्था और न ही खुला स्थान। साथ ही उन्होंने झुग्गी-झोपड़ियों की बढ़ती संख्या के लिए हाउसिंग नीतियों पर सवाल उठाते हुए सतर्क हो जाने की हिदायत दी है। भविष्य के डिजाइन और निर्माण विषय पर एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान रतन टाटा ने ये सब बातें कहीं।

यह भी पढ़ें: निवेश मित्र: देश के सिंगल विण्डो पोर्टल्स में से 146 सेवाओं के साथ अब यूपी में एक

रतन टाटा को है इस बात का मलाल

इसके अलावा रतन टाटा को इस बात का मलाल है कि वह एक आर्किटेक्ट (Architect) के तौर पर अपने काम को लंबे समय तक जारी नहीं रख पाए। टाटा ने कहा कि मैं हमेशा से आर्किटेक्ट बनना चाहता था। उन्होंने कहा कि मेरी उस फिल्ड में काफी रुचि थी, मुझे वास्तुशिल्प से बहुत प्रेरणा मिलती है। लेकिन मेरे पिता हमेशा से मुझे इंजीनियर बनाना चाहते थे, इसलिए मैंने दो साल इंजीनियरिंग की।

1959 में हासिल की थी डिग्री

रतन टाटा ने कहा कि उसके बाद मुझे उन दो सालों में मालूम हो गया है कि मुझे आर्किटेक्ट ही बनना है। साल 1959 में टाटा ने कॉरनैल यूनिवर्सिटी से इसकी डिग्री हासिल की। उसके बाद भारत लौटकर टाटा अपने परिवार के बिजनेस को संभालने से पहले लॉस एंजिलिस में एक आर्किटेक्ट के कार्यालय में भी कुछ वक्त काम भी किया।

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में इन दिग्गज कम्पनियों ने निकाली बंपर जॉब्स, सैलरी जान दंग रह जाएंगे

पढ़ाई के बावजूद मैं आर्किटेक्ट नहीं बन सका

उन्होंने कहा कि 'दो साल अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बावजूद मैं आर्किटेक्ट नहीं बन सका, इसका पछतावा है।' उन्होंने कहा कि मुझे आर्किटेक्ट बन पाने का दुख कभी नहीं रहा, लेकिन इस बात का मलाल रहा है कि मैं अधिक समय तक इस काम को जारी नहीं रख सका।

यह भी पढ़ें: लोकसभा में कोरोना: मच गया हड़कंप, सदस्यों की हुई जांच

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story