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सुरक्षाबलों ने अप्रैल में ताबड़तोड़ मारे 28 आतंकी, इस साल 60 आतंकियों को किया ढेर
कोरोना संकट से निपटने के लिए दिनों देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया है। इस दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों तगड़ा सबक सिखाया है। इस साल घाटी में अप्रैल में सुरक्षाबलों ने सबसे ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा है।
श्रीनगर: कोरोना संकट से निपटने के लिए दिनों देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया है। इस दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों तगड़ा सबक सिखाया है। इस साल घाटी में अप्रैल में सुरक्षाबलों ने सबसे ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा है। ज्यादातर आंतकी पाकिस्तान के संगठनों से थे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 60 आतंकियों को मौत के उतारा चुका है। इनमें से 28 यानी 46 फीसदी आतंकियों सिर्फ अप्रैल में ही मारे गए हैं। एक महीने में इतने ज्यादा आतंकियों को पिछले साल मई में ढेर किया गया था। आतंकियों के खिलाफ ये कार्रवाई सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर की थी। पिछले साल 152 आंतकियों को मौत के घाट उतारा गया था।
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इस साल 18 आतंकी जनवरी में मौत के घाट उतारे गए थे। 7 -7 आतंकियों को फरवरी और मार्च महीने में मारा गया था। इन आतंकियो में 20 हिजबुल मुजाहिदीन के थे।
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इसके अलावा जैश ए मोहम्मद के 8, लश्कर-ए-तैयबा के 6 और जम्मू-कश्मीर इस्लामिक स्टेट के 3 आतंकियों को जवानों ने मौत के घाट उतारा है। तो वहीं 20 आंतकियों के संगठन की पहचान नहीं हो पाई है। इस दौरान मारे गए आंतकियों में से कई टॉप कमांडर - जहांगीर वानी (HM), सज्जाद नवाब डार (JeM) और मुज़फ़्फ़र अहमद बट (LeT) शामिल हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 16 आंतकी पुलवामा के थे, जबकि 12 आतंकी शोपियां के मारे गए।
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एक अंग्रेजी अखबार में आंतकियों के खिलाफ ऑपरेशन से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तानी आंतकी संगठन लॉकडाउन का फायदा उठाने की कोशिश में थे। लॉकडाउन की घोषणा के 36-37 दिन पहले ही आतंकवादी अपने बंकरों से बाहर आ गए थे। दरअसल उन्हें सुरक्षाबलों के खिलाफ हमले तेज करने का आदेश मिला था।